अभिमान
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एक कलाकार फिल्मी दुनिया में स्टार बनने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा था। उसके इस काम में पूरा परिवार सहयोग कर रहा था। एक भाई उसकी पब्लिसिटी करने में लगा था, तो बहन उसके कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने में लगी थी। इस प्रकार पूरा परिवार उसे सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ाने में लगा था। वह दिन भी आ गया जब उसकी पहली फिल्म हिट हो गई। वह रातों रात बुलंदियों के शिखर पर पहुंच गया। स्टार बनते ही वह अपनी दुनिया में मस्त हो गया। वह अपने परिवार के लोगों को उपेक्षा की दृष्टि से देखने लगा। वह समझ गया था कि अब उसे किसी की सहायता की आवश्यकता नही!
वह स्वयं ख्याति के शिखर पहुंच जाएगा। उसका परिवार उसके लिए बोझ बन गया था। उसे इस बात का अभिमान हो गया था कि परिवार के लोग उसकी प्रतिभा की बदौलत ही अपना पेट पाल रहे हैं। उसने परिवार के लोगों को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वे लोग कोई दूसरा काम ढूंढ लें। उस पर आश्रित न रहें।
इस प्रकार उसने परिवार के लोगों से दूरी बना ली। उसे अपनी कला पर घमंड हो गया और उसके अभिनय का स्तर पहले जैसे नहीं रहा। दर्शक उसके अभिनय को नकारने लगे। सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के बजाय उसके गर्दिश के दिन आ गए। उसे काम मिलना बंद हो गया। एक दिन ऐसा भी आया जब वह गुमनामी के अंधकार में खो गया।
जिस व्यक्ति के साथ उसका परिवार साथ होता है वो हमेशा बुलन्दियों को प्राप्त करता है।इसलिये हमेशा परिवार को साथ लेकर चलना चाहिए!!