Friday, June 20, 2025

खरमोरा सब स्टेशन शुरू होने से दूर होगी बिजली समस्या

शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगी निर्बाध बिजली
कोरबा। जिले की चरमराई बिजली व्यवस्था को एक बड़ी सौगात इस साल मिलने की उम्मीद है। खास कर गर्मी के दिनों में होने वाले फॉल्ट और बिजली समस्या को दूर करने के लिए शहर से लेकर दादरखुर्द-खरमोरा में १३२ केवी के स्विचिंग सब स्टेशन का काम जनवरी में पूरा कर इसे ट्रांसमिशन से डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को सौंप दिए जाने की योजना है. इस सब-स्टेशन का काम अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है. जिसका निर्माण छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत ट्रांसमिशन कंपनी की तरफ से किया जा रहा है. काम पूरा करने के बाद इसे डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को सौंपा जाएगा. जिससे जिले के ३०० गांव के साथ ही शहरी क्षेत्र के २ लाख आबादी को बिजली से जुड़ी समस्याओं से आजादी मिलेगी और विद्युत वितरण की व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी. सब स्टेशन के निर्माण के लिए फॉर्म डीएमएफ से उपलब्ध कराया गया था. जब निर्माण शुरू हुआ था, तब इसकी लागत २० करोड़ रुपये थी. लेकिन अब यह लागत बढ़कर २९ करोड़ रुपये हो चुकी है. जिसका निर्माण लगभग ३ वर्ष पहले शुरू हुआ था. लॉकडाउन के पहले ही काम पूरा कर लिया जाना था, हालांकि लॉकडाउन और जमीन अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं के कारण निर्माण बीच में ही अटक गया और काम अधूरे रह गए. अब अधिकारियों का दावा है कि जनवरी के अंत तक इसका काम पूरा कर लिया जाएगा और इसे संबंधित विभाग को सौंप दिया जाएगा. इसके पहले ट्रांसमिशन विभाग सब स्टेशन की टेस्टिंग करेगी. इसे चार्ज कर हर तरह से परखा जाएगा। इसके बाद ही इसे आगे के उपयोग के लिए डिस्ट्रीब्यूशन विभाग को हैंड ओवर कर दिया जाएगा. स्टेशन के चार्ज होने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के करतला ब्लॉक के फीडर उरगा, भैसमा, बरपाली, रजगामार, चिर्रा, करतला, सोहागपुर, रामपुर सहित गांव की परेशानी दूर होगी. औद्योगिक एरिया के साथ ही कोरबा के मुख्य शहर को भी राहत मिलेगी. ग्रामीण क्षेत्र के ३०० गांव सहित शहर की बड़ी आबादी को इस सब स्टेशन का लाभ मिलेगा. दादर खुर्द सब-स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद मुख्य शहर को बिजली की सप्लाई इसी सबस्टेशन से की जानी है. फिलहाल डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन से मुख्य शहर को बिजली की सप्लाई होती है. जहां फाल्ट आने के बाद पूरे शहर में ब्लैकआउट जैसी स्थिति निर्मित होती है. बैकअप सपोर्ट नहीं होने के कारण बिजली अधिकारियों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. दादरखुद सब स्टेशन के अस्तित्व में आने के बाद बिजली विभाग के पाद हमेशा एक बैकअप मौजूद होगा. फिलहाल डीएसपीएम प्लांट स्थित सब स्टेशन से मुख्य शहर व ३०० गांव में बिजली पहुंचाई जाती है. जिस पर क्षमता से अधिक लोड है. खराबी आने पर विभाग की मुश्किल बढ़ जाती है. दादारखुर्द सब स्टेशन के अस्तित्व में आते ही अलग-अलग चार फीडर से बिजली सप्लाई की जाएगी. इससे डीएसपीएम प्लांट के सब स्टेशन का भार कम होगा.

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