केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। चुनाव से पहले विधानसभा सीटों का परिसीमन का काम भी पूरा हो चुका है। परिसीमन आयोग ने गुरुवार को एक मीटिंग की और फाइनल रिपोर्ट पर साइन कर दिए। इसमें निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या और उनके आकार का ब्योरा है। राज्य में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव हो सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि परिसीमन का काम पूरा होते ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे।
राज्य में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से पहली बार चुनाव होंगे। 2019 में केंद्र सरकार ने राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। राज्य की सभी पार्टियों ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि प्रमुख पार्टियों NC, PDP और कांग्रेस ने परिसीमन का विरोध किया है।
आयोग की सिफारिशों में खास क्या
केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद चुनाव आयोग वोटर लिस्ट तैयार करने की कार्रवाई शुरू कर देगा। जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के अनुसार लोकसभा की पांच सीटों में दो-दो सीटें जम्मू और कश्मीर संभाग में होंगी जबकि एक सीट दोनों के साझा क्षेत्र में होंगी। यानी आधा इलाका जम्मू संभाग का और आधा कश्मीर घाटी का हिस्सा होगा। इसके अलावा दो सीटें कश्मीरी पंडितों के लिए भी रिजर्व रखी गई हैं। अनंतनाग और जम्मू के राजौरी और पुंछ को मिलाकर एक संसदीय क्षेत्र बनाया गया है।
आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटों को रिजर्व करने कहा है। इनमें से 43 सीटें जम्मू और 47 सीटें कश्मीर में रहेंगी। इसके पहले 83 सीटों में 37 जम्मू और 46 कश्मीर में थीं।
राज्य में अनुसूचित जातियों के 9,24,991 लोग यानी कुल जनसंख्या का 7.38 फीसदी हैं। इनके लिए 9 सीटें आरक्षित की गई हैं। जम्मू रीजन में मुस्लिमों में कोई जाति अनुसूचित नहीं है ऐसे में ये सीटें हिंदुओं को ही मिलेंगी।
जट समुदाय में नाराजी
जट समुदाय में परिसीमन को लेकर गुस्सा है। जम्मू रीजन के सीमावर्ती इलाके में जट समुदाय काफी संख्या में है। विधानसभा में इस समुदाय के लोग 5 सीटों पर जीतते रहे हैं। इन सीटों को रिजर्व करने से जट समुदाय में गुस्सा है। जम्मू एंड कश्मीर जट सभा के प्रसिडेंट मनजीत सिंह ने कहा कि जट समुदाय को शायद ही किसी सीट पर जीत मिले। उन्होंने परिसीमन आयोग को डिस्क्रिमनेटरी कमीशन बताया। उन्होंने कहा कि जट समुदाय ने अपनी बात परिसीमन आयोग को बताई लेकिन उन्होंने इसकी तरफ ध्यान तक नहीं दिया।
भाजपा ने परिसीमन आयोग की तारीफ की
जम्मू-कश्मीर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने परिसीमन आयोग की समय पर काम पूरा करने के लिए तारीफ की। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में जल्द से जल्द लोकप्रिय सरकार बनेगी। उन्होंने भी राज्य में जल्द विधानसभा चुनाव की उम्मीद जताई।