Monday, December 8, 2025

CMO दफ्तर में कालिख पोतने वाले नेता प्रतिपक्ष पर FIR:केस दर्ज करने पर थाने के बाहर धरने पर बैठे बीजेपी पार्षद, मचाया हंगामा

बिलासपुर जिले के तखतपुर नगर पालिका के BJP पार्षद व नेता प्रतिपक्ष ने धरना-प्रदर्शन करते हुए CMO ऑफिस और अध्यक्ष के दफ्तर में कालिख पोत दी, जिसके बाद उनके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। इधर, एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्होंने पार्षद और समर्थकों के साथ मिलकर थाने के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया और जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार के सामने मैं न डरूंगा और न झुकूंगा, शहर की समस्याओं को लेकर उनका आंदोलन जारी रहेगा।

दरअसल, वार्ड क्रमांक सात के पार्षद और नेता प्रतिपक्ष ईश्वर देवांगन शहर की समस्याओं को लेकर 13 मार्च को सीएमओ को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने नगर पालिका में चल रहे भर्राशाही की जांच और विभिन्न मांगों को पूरा कराने के लिए अल्टीमेटम दिया था। लेकिन, सीएमओ ने उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया और कोई जवाब नहीं दिया। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि इससे पहले एक माह भी उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सीएमओ से मुलाकात की थी, जिसे पूरा नहीं किया गया। इसी वजह से उन्हें गुरुवार को सीएमओ ऑफिस कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराना पड़ा।

एफआईआर दर्ज होने पर थाने के बाहर किया प्रदर्शन।
एफआईआर दर्ज होने पर थाने के बाहर किया प्रदर्शन।

सीएमओ और अध्यक्ष के ऑफिस के सामने पोती कालिख
इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने सीएमओ व अध्यक्ष के कार्यालय के गेट और दीवार में कालिख पोत दी। यही नहीं उन्होंने सीएमओ आशीष तिवारी के नेम प्लेट पर भी कालिख लगा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर सीएमओ तिवारी ने राजस्व अफसरों के साथ ही तखतपुर पुलिस को सूचना दी। खबर मिलते ही तहसीलदार के साथ ही टीआई दलबल सहित नगर पालिका ऑफिस पहुंच गए। इस दौरान सीएमओ ने उनके खिलाफ लोक संपत्ति निवारण अधिनियम और शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया। तहसीलदार और टीआई ने उन्हें समझाइश भी दी।

नगर पालिका में चल रही मनमानी
नेता प्रतिपक्ष देवांगन ने कहा कि नगर पालिका में जनप्रतिनिधि के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। यहां नगर पालिका अध्यक्ष की मनमानी चल रही है। लोगों की समस्या और योजनाओं पर यहां कोई काम नहीं हो रहा है। सभी समस्याओं पर चर्चा के लिए बैठक बुलाने की मांग की जा रही है। 36 माह में 18 बैठकें होनी थी। लेकिन, अभी तक सिर्फ दो बार बैठक हुई है। पार्षदों को सलाहकार समिति में शामिल नहीं किया गया है, जिसका विरोध किया जा रहा है।

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