CG News : सूरजपुर, 28 दिसंबर 2025: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने प्रशासनिक गलियारों और पत्रकारिता जगत में हड़कंप मचा दिया है। यहाँ एक तहसीलदार और भू-माफियाओं के गठजोड़ द्वारा भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकार की हत्या की सुपारी देने का खुलासा हुआ है। पुलिस ने तहसीलदार सहित कई आरोपियों के खिलाफ प्रतापपुर थाना में मामला दर्ज कर लिया है।
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सत्ता और माफिया के खतरनाक गठजोड़ का खुलासा
यह मामला केवल एक व्यक्तिगत रंजिश नहीं, बल्कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार और माफिया राज के उस गठजोड़ को उजागर करता है जो सच की आवाज दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

मामले में मुख्य आरोपी:
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सुरेंद्र साय पैंकरा: लटोरी तहसीलदार (मुख्य साजिशकर्ता)।
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संजय गुप्ता और हरिओम गुप्ता: तहसीलदार के करीबी भू-माफिया।
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फिरोज अंसारी: तथाकथित पत्रकार और उसका साला असलम।

क्यों रची गई पत्रकार की हत्या की साजिश?
‘हिंद स्वराष्ट्र’ और ‘सिंधु स्वाभिमान’ के संपादकों ने तहसीलदार सुरेंद्र पैंकरा के खिलाफ साक्ष्यों के साथ भ्रष्टाचार की खबरें प्रकाशित की थीं। इन खबरों में तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए गए थे:
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नियमों का उल्लंघन: बिना जिला कलेक्टर की अनुमति के जमीनों की बंदरबांट।
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फर्जीवाड़ा: बिना पटवारी प्रतिवेदन के अवैध तरीके से जमीनों की रजिस्ट्री।
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भ्रष्टाचार: भू-माफियाओं को अनुचित लाभ पहुँचाने के लिए सरकारी पद का दुरुपयोग।
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
खबरों के प्रकाशन के बाद SDM सूरजपुर शिवानी जायसवाल ने तहसीलदार को तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। लेकिन लोकतंत्र का दुर्भाग्य देखिए कि चार महीने बीत जाने के बाद भी जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में है। इसी प्रशासनिक ढिलाई ने आरोपियों के हौसले बुलंद किए, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने पत्रकार को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।

क्या कहता है कानून?
प्रतापपुर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक साजिश और हत्या की सुपारी देने की धाराओं के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है। पुलिस अब इस मामले के तकनीकी साक्ष्यों और कॉल डिटेल्स को खंगाल रही है ताकि इस नेटवर्क की पूरी परतें खोली जा सकें।

पत्रकारों में भारी आक्रोश
इस घटना के बाद जिले के पत्रकारों में गहरा रोष है। पत्रकार संगठनों ने मांग की है कि:
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दोषी तहसीलदार को तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए।
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लंबित जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दोषियों पर कार्रवाई हो।
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पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।


