Rahul Gandhi : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना करते हुए कहा कि RSS में सत्य का कोई महत्व नहीं है, बल्कि शक्ति महत्वपूर्ण है। राहुल ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि यही उनके और RSS के बीच मुख्य अंतर है।
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राहुल गांधी के बयान का सार
राहुल गांधी ने कहा:
“RSS चीफ खुले तौर पर कह रहे हैं कि सच्चाई का कोई महत्व नहीं है, शक्ति महत्वपूर्ण है। यही उनमें और हममें अंतर है। हमारी पूरी संस्कृति सत्य पर आधारित है। आप किसी भी धर्म को देख लें, मूल रूप से वे यही कहते हैं कि सत्य का पालन करो। कांग्रेस, महात्मा गांधी और हम भारत के सत्य की रक्षा करते हैं। RSS ऐसा नहीं करती।”
जर्मनी दौरे का उद्देश्य और कार्यक्रम
राहुल गांधी वर्तमान में 5 दिन के जर्मनी दौरे पर हैं। इस दौरे का उद्देश्य न केवल अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को उजागर करना है, बल्कि भारतीय प्रवासी समुदाय से संपर्क स्थापित करना भी है।
इस दौरे के दौरान उन्होंने कई प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लिया:
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ओवरसीज इंडियन कांग्रेस (OIC) का ‘कनेक्टिंग कल्चर्स’ कार्यक्रम – इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया और भारत की संस्कृति, लोकतंत्र और सामाजिक मूल्यों पर चर्चा की।
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जर्मन थिंक-टैंक में बैठक – यहाँ उन्होंने जर्मनी के विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत कर वैश्विक राजनीति और आर्थिक सहयोग के मुद्दों पर विचार साझा किए।
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हर्टी स्कूल में भाषण – छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र, शिक्षा और युवा नेतृत्व के महत्व पर जोर दिया।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
राहुल गांधी का यह दौरा और उनके बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं:
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अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सांस्कृतिक और नैतिक छवि को मजबूती मिलती है।
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भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ सीधा संवाद स्थापित होता है।
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RSS और कांग्रेस के बीच राजनीतिक अंतर स्पष्ट रूप से उजागर होता है।
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युवा और छात्रों के बीच सत्य और नैतिकता के संदेश को बल मिलता है।
राहुल गांधी के इस बयान ने भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय बनते ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारतीय लोकतंत्र और उसकी नैतिकता पर ध्यान आकर्षित किया।


