CG News , खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पुलिस ने नकली पुलिस बनकर राहगीरों को लूटने वाले एक शातिर और खतरनाक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह खुद को पुलिसकर्मी बताकर लोगों को डराता था और खासतौर पर बुजुर्गों को अपना निशाना बनाता था। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह मध्य प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र के कई शहरों में भी सक्रिय था और लंबे समय से वारदातों को अंजाम दे रहा था।
दरअसल, बीते 12 नवंबर को पदमनगर निवासी हसमतराय गुरवानी (65 वर्ष) के साथ लूट की वारदात हुई थी। बुजुर्ग किसी काम से बाहर निकले थे, तभी दो बाइक सवार युवकों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। आरोपियों ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए कहा कि आगे लूट की घटनाएं हो रही हैं, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से अपने जेवर उतारकर सुरक्षित रख लीजिए। पुलिस की वर्दी और रौब देखकर बुजुर्ग उनके झांसे में आ गए।
जैसे ही हसमतराय गुरवानी ने अपनी सोने की चेन और अंगूठियां उतारीं, आरोपी उन्हें लेकर मौके से फरार हो गए। घटना के बाद पीड़ित ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की।
पुलिस ने घटनास्थल और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसके साथ ही पुराने रिकॉर्ड और इसी तरह की अन्य घटनाओं का विश्लेषण किया गया। जांच में पता चला कि इस तरह की वारदातें पहले भी कई जिलों में हो चुकी हैं, जिनका तरीका लगभग एक जैसा था। इससे पुलिस को यह साफ हो गया कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने संदिग्धों की पहचान कर अलग-अलग जगहों पर दबिश दी। आखिरकार पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को धर दबोचा। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे नकली पुलिस बनकर बुजुर्गों और अकेले चलने वाले राहगीरों को निशाना बनाते थे। पुलिस का डर दिखाकर वे लोगों से जेवर उतरवा लेते और फिर मौके से फरार हो जाते थे।


