नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान गुरुवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025’ पारित कर दिया गया। बिल के पारित होते ही सदन में भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने विरोध जताते हुए विधेयक की प्रतियां फाड़ीं और सरकार पर महात्मा गांधी के नाम का अपमान करने का आरोप लगाया।
विपक्ष का कहना है कि नया बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के मूल स्वरूप और उसके प्रावधानों को कमजोर करता है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार ग्रामीण रोजगार की संवैधानिक गारंटी को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
वहीं, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि NREGA में महात्मा गांधी का नाम 2009 के चुनावों को ध्यान में रखकर जोड़ा गया था। उन्होंने दावा किया कि नया कानून ग्रामीण रोजगार और आजीविका को अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से लाया गया है।
सदन में बढ़ते हंगामे के कारण कुछ समय के लिए कार्यवाही भी बाधित हुई। विपक्ष ने बिल को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को ग्रामीण गरीबों के हितों से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।


