Sunday, December 28, 2025

Rupee Dollar Fall : विदेशी निवेशकों की बिकवाली से टूटा रुपया, डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड गिरावट दर्ज

नई दिल्ली। भारतीय मुद्रा के लिए मंगलवार का दिन बेहद चिंताजनक रहा। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। शुरुआती कारोबार में ही रुपया 91.03 के रिकॉर्ड लो तक फिसल गया, जिससे बाजार में हड़कंप मच गया। रुपये की इस ऐतिहासिक गिरावट का असर शेयर बाजार से लेकर आम लोगों की जेब तक पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

Chhattisgarh Vidhan Sabha : राशन कार्ड से जुड़ी समस्याओं को लेकर सदन में उठेंगे सवाल

विदेशी मुद्रा बाजार में कारोबार शुरू होते ही रुपये पर दबाव साफ नजर आया। मजबूत डॉलर, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली को रुपये की कमजोरी की बड़ी वजह माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर डॉलर के मजबूत होने और अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर सख्त रुख की वजह से उभरते बाजारों की मुद्राओं पर दबाव बढ़ा है, जिसमें भारतीय रुपया भी शामिल है।

रुपये की गिरावट का सीधा असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। कमजोर रुपये से आयात महंगा होता है, जिससे महंगाई बढ़ने का खतरा रहता है। खासकर कच्चा तेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान और अन्य आयातित वस्तुओं की कीमतों में इजाफा हो सकता है। वहीं, विदेशी निवेशक कमजोर रुपये को देखते हुए भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी पर दबाव बन सकता है।

हालांकि, कमजोर रुपये का एक पहलू यह भी है कि इससे निर्यातकों को फायदा मिल सकता है, क्योंकि भारतीय सामान विदेशी बाजारों में सस्ता पड़ता है। आईटी, फार्मा और एक्सपोर्ट से जुड़ी कंपनियों को इससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बावजूद कुल मिलाकर रुपये की यह गिरावट अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

अब निवेशकों और बाजार की नजरें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि अगर रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी रहा तो आरबीआई बाजार में हस्तक्षेप कर सकता है। आने वाले दिनों में वैश्विक संकेत, कच्चे तेल की कीमतें और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां तय करेंगी कि रुपया और कितना दबाव झेलता है या फिर इसमें कुछ मजबूती देखने को मिलती है।

.

Recent Stories