Sunday, December 28, 2025

Higher Education Department : आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला

Higher Education Department , रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल परिसरों के बाद अब कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी आवारा कुत्तों को लेकर सख्ती शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों के साथ-साथ राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब कैंपस में आवारा कुत्तों की निगरानी की जिम्मेदारी सीधे प्रोफेसरों और संस्थान प्रबंधन को सौंपी गई है।

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जारी निर्देशों के अनुसार, कॉलेज और यूनिवर्सिटी परिसरों में आवारा कुत्तों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी, ताकि छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हाल के दिनों में शैक्षणिक संस्थानों में आवारा कुत्तों के हमले और डर की घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। विभाग का मानना है कि समय रहते निगरानी और व्यवस्था से संभावित हादसों को रोका जा सकता है।

गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कैंपस के भीतर खाद्य-सामग्री के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कैंटीन, हॉस्टल और खुले स्थानों पर खाने के अवशेष न फेंके जाएं, इसके लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी। खाद्य अपशिष्ट के कारण ही आवारा कुत्तों का जमावड़ा बढ़ता है, जिससे छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

उच्च शिक्षा विभाग ने संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे स्थानीय नगर निगम, नगर पंचायत और पशुपालन विभाग से समन्वय कर आवश्यक कदम उठाएं। जरूरत पड़ने पर आवारा कुत्तों के नसबंदी और टीकाकरण की व्यवस्था भी कराई जाएगी। साथ ही, कैंपस में जागरूकता कार्यक्रम चलाकर छात्रों और कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था केवल निगरानी तक सीमित नहीं होगी, बल्कि सुरक्षा और स्वच्छता से जुड़ी जिम्मेदारियों को भी मजबूत करेगी। कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन को नियमित रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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