CGPSC Scam : रायपुर, 20 नवंबर 2025 — सीजीपीएससी फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी मीशा कोशले और दीपा आदिल को सीबीआई कोर्ट से जमानत मिल गई है। बचाव पक्ष ने अदालत में दलील दी कि बाकी अभियुक्तों को पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, जिसे आधार बनाकर दोनों महिलाओं की जमानत के लिए आवेदन किया गया।
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जमानत की प्रक्रिया और फैसले का विवरण
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सीबीआई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मीशा कोशले और दीपा आदिल को जमानत दे दी।
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दोनों आरोपी टामन सिंह सोनवानी की बहू और भतीजी हैं।
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इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के चार अन्य आरोपियों—नितेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, शशांक गोयल और भूमिका कटियार—को जमानत दी थी।
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चारों आरोपी कई महीनों से रायपुर जेल में न्यायिक हिरासत में थे।
मामले की वर्तमान स्थिति
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सीजीपीएससी घोटाले में अभी भी टामन सिंह सोनवानी (पूर्व चेयरमैन) और आरती वासनिक (परीक्षा नियंत्रक) रायपुर जेल में बंद हैं।
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मामले में जांच और न्यायिक प्रक्रिया लगातार जारी है।
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जमानत मिलने के बाद मीशा कोशले और दीपा आदिल कोर्ट की शर्तों का पालन करते हुए अस्थायी स्वतंत्रता में हैं।
सीजीपीएससी घोटाला: पृष्ठभूमि
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यह मामला छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है।
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आरोपियों पर परीक्षा परिणामों में अनियमितता और फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।
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मामले की जांच CBI द्वारा की जा रही है और कोर्ट ने कई बार आरोपियों की हिरासत बढ़ाई है।
भविष्य की कार्यवाही
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जमानत मिलने के बाद भी दोनों आरोपी नियमित कोर्ट हाजिरी और CBI जांच में सहयोग करेंगी।
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सीजीपीएससी घोटाले की जांच अभी जारी है और नए सबूतों के आधार पर कोर्ट आगे के निर्णय ले सकती है।


