अंतरिक्ष हमेशा से ही रहस्यों से भरा रहा है. खगोल वैज्ञानिक लगातार अंतरिक्ष के इन्हीं रहस्यों से पर्दा उठाने के मकसद से इस पर नजर रखते हैं. अंतरिक्ष में लगातार खगोलीय घटनाएं (Astronomical Events) भी होती रहती हैं. इनमें से एक बड़ी खगोलीय घटना है सुपरमून (Supermoon). इसे वैसे तो पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. लेकिन इससे जुड़े कुछ अहम तथ्य हैं, जिन्हें जानकर कोई भी हैरान रह सकता है. ऐसा ही एक तथ्य है कि सुपरमून का नाता हिरण (Deer) से भी है. इससे पहले 14 जून को दिखे सुपरमून को स्ट्रॉबेरी मून नाम दिया गया था क्योंकि यह पूर्णिमा स्ट्रॉबेरी की फसल के समय पड़ी थी.
इससे पहले सुपरमून की अनोखी खगोलीय घटना जून में हुई थी. लेकिन अगर आप इसे देख नहीं पाए तो बुधवार को आपके पास अच्छा मौका है, जिसे शायद ही आप छोड़ना चाहे. बुधवार को गुरु पूर्णिमा भी है. ऐसे में यह बेहद खास होने वाली है. इसी समय चंद्रमा की कक्षा उसे पृथ्वी के सामान्य से अधिक करीब लाएगी. इसी खगोलीय घटना को सुपरमून कहा जाता है. सुपरमून वह खगोलीय घटना है जिसके दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है. इस दौरान अगर मौसम अनुकूल हो तो चंद्रमा अधिक चमकीला और अधिक बड़ा दिखाई दे सकता है.
आज के सुपरमून का नाम है ‘बक मून’
बुधवार की पूर्णिमा को ‘बक मून’ नाम दिया गया है. ऐसा साल के उस समय के संदर्भ में किया गया है, जब हिरण के नए सींग उगते हैं. मिसीसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी डियर इकोलॉजी एंड मैनेजमेंट लैब की रिपोर्ट अनुसार जुन और जुलाई के समय में नर हिरण के सींग बेहद तेजी से बढ़ते हैं. जैसे चांद सुपरमून के समय पृथ्वी से सबसे बड़े आकार का दिखता है, वैसे ही हिरण के सींग भी अपने सबसे बड़े आकार तक बढ़ सकते हैं. इसीलिए जुलाई में पड़ने वाले सुपरमून को बक मून कहते हैं और इसका हिरण से खास नाता होता है.


