रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। अब चैतन्य बघेल आगामी 6 सितंबर तक जेल में रहेंगे। चैतन्य बघेल 23 अगस्त तक ED की रिमांड पर थे। निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद शुक्रवार को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को बताया कि शराब घोटाले से जुड़े मामले में अभी कई पहलुओं की जांच की जानी बाकी है। इसलिए आगे की पूछताछ के लिए आरोपी को फिर से रिमांड पर लेने की आवश्यकता हो सकती है। अदालत ने फिलहाल उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है।
विशेष अदालत ने आदेश देते हुए कहा कि चैतन्य बघेल की न्यायिक हिरासत 6 सितंबर तक रहेगी। इसके बाद मामले की सुनवाई फिर से की जाएगी। उस समय ED चाहे तो नई रिमांड की मांग कर सकती है। अदालत में पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी और पुलिस बल की तैनाती भी की गई।
शराब घोटाला मामला
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का मामला बीते कई महीनों से सुर्खियों में है। इस मामले में करोड़ों रुपये के अवैध लेन-देन और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप सामने आए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के दौरान कई कारोबारी और राजनेताओं से पूछताछ की है। इसी कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल का नाम भी सामने आया था। ED का आरोप है कि शराब कारोबार में अवैध वसूली और धन के लेन-देन में चैतन्य बघेल की भूमिका रही है। इसी आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय की टीम का कहना है कि शराब घोटाले से जुड़े वित्तीय लेन-देन और कथित साजिश को लेकर और सबूत जुटाने की प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि आवश्यक होने पर आगामी सुनवाई में वे फिर से चैतन्य बघेल की रिमांड की मांग कर सकते हैं।