Saturday, August 23, 2025

एक कांस्टेबल को 6 पुलिसकर्मियों ने दी अमानवीय यातनाएं…गुप्तांग काटा, लोहे की रॉड डाली, करंट दिए… सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली/केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जम्मू-कश्मीर के छह पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। इन पर एक कांस्टेबल को हिरासत में लेकर बेरहमी से प्रताड़ित करने का आरोप है।

पीड़ित कांस्टेबल की पत्नी ने एक लिखित शिकायत में 6 दिनों तक पुलिस हिरासत में चले टॉर्चर की ऐसी खौफनाक दास्तान सुनाई जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था CBI को निर्देश

यह पूरा मामला तब सामने आया जब सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को CBI को इस मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को पीड़ित कांस्टेबल को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने इस मामले को “आत्मा को झकझोर देने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि हिरासत के दौरान कांस्टेबल को गंभीर चोटें आईं। उनके प्राइवेट पार्ट पर हमला किया गया, उन पर मिर्च पाउडर डाला गया और बिजली के झटके दिए गए। कोर्ट ने इसे अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) का गंभीर उल्लंघन बताया।

यह है पूरा मामला

पीड़ित कांस्टेबल की पत्नी ने एक लिखित शिकायत में बताया कि 20 फरवरी 2023 को उनके पति खुर्शीद को संयुक्त पूछताछ केंद्र (JIC) कुपवाड़ा में हिरासत में लिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुपवाड़ा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उनके पति को DSP एजाज अहमद नायको और SI रियाज अहमद को सौंप दिया। इसके बाद उन्हें छह दिनों तक लगातार अमानवीय यातनाएं दी गईं।

पत्नी के अनुसार इस दौरान कॉन्स्टेबल खुर्शीद के गुप्तांगों को काटा गया, लोहे की रॉड डाली गई और उनके मलाशय में लाल मिर्च डाली गई। उन्हें बिजली के झटके भी दिए गए। इन यातनाओं के बाद पुलिस अधिकारी खुर्शीद को अधमरी हालत में छोड़कर चले गए। हालांकि लोगों के शोर मचाने पर उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।

गिरफ्तार पुलिसकर्मियों की पहचान

CBI ने इस मामले में छह पुलिसकर्मियों की पहचान की थी जो सभी JIC, कुपवाड़ा में तैनात थे। इनमें उप-पुलिस अधीक्षक एजाज अहमद नायको, उप-निरीक्षक (SI) रियाज अहमद, जहांगीर अहमद, इम्तियाज अहमद, मोहम्मद यूनिस और शाकिर अहमद शामिल हैं।

सीबीआई ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। पीड़ित की पत्नी ने आरोप लगाया कि एसएसपी इस पूरी घटना के दौरान मूकदर्शक बने रहे और छह दिनों तक किसी भी रिश्तेदार को खुर्शीद से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।

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