शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश में अब तक बारिश जनित हादसों में 173 लोगों की मौत हो चुकी है और 1743 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया गया है। सोमवार को कांगड़ा, चंबा और कुल्लू जिलों में मूसलाधार वर्षा हुई, जिससे कई जगहों पर मकान, पशुशालाएं और रसोईघर ढह गए।
डलहौजी में एक रसोईघर की छत गिरने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि उसका पति गंभीर रूप से घायल है। कांगड़ा जिले में बीते 24 घंटे में बारिश के कारण नौ मकान और सात पशुशालाएं धराशायी हो गईं। उपमंडल जवाली की पंचायत पनालथ में पौंग बांध क्षेत्र से अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ है, जिसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
कुल्लू जिले के बंजार, आनी और सैंज में भूस्खलन का खतरा लगातार बढ़ रहा है। सैंज में पिन पार्वती नदी के कटाव से मशीना नाला गांव धंसने की कगार पर है। कुल्लू के घलियाड़ गांव में भी भूस्खलन का खतरा बढ़ने से 10 परिवारों को राहत शिविरों में शरण दिलाई गई है।
प्रदेश में वर्तमान में 307 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें और सतर्क रहें