स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की प्रक्रिया चल रही है। तीन बार टीम सर्वे कर लौट चुकी है। चौथी बार यह जानने पहुंची है कि पहले जो इसकी थी वह है बरकरार है कि नहीं। इसकी वजह से शनिवार को सुबह से निगम के अधिकारी अपने अमले के साथ सड़क किनारे घूमते नजर आए। शहर के वार्डों में ई-रिक्शा के साथ सफाई मित्र तैनात रहे। इस बार अब तक 25 हजार से अधिक लोगों ने सफाई पर अपना फीडबैक दिया है।
निगम सफाई के मामले में अभी थ्री स्टार रेटिंग पर है। इस बार 5 स्टार रेटिंग पर दावा किया है। दिल्ली से सर्वेक्षण की टीम सफाई पर 5 बार जांच करती है। इस बार सर्वेक्षण 7500 अंकों का है। 3 महीने में अलग-अलग मापदंड पर सर्वे कर रिपोर्ट सबमिट करती है। इस बार टीम यह देखने पहुंच रही है कि जो काम पहले हुए वह अभी बरकरार है कि नहीं। शनिवार को टीम शहर के कई हिस्सों में पहुंचकर सफाई देखा और लोगों से चर्चा करती रही।
इस तीन मापदंड पर खरा उतरे तो बढ़ जाएगी रैंकिंग
1. सर्विस लेवल प्रोग्रेस: टीम यह देख रही है कि नालियां पहले जैसे साफ है कि नहीं। कचरा कलेक्शन और डिस्पोज करने में कितना सुधार हुआ। इसमें 3000 अंक हैं। उसमें भी दो सब कैटेगरी तय है।
2. गीला -सूखा कचरा कलेक्शन: घरों से लिया गया गीला और सूखा कचरा अलग अलग ट्रेचिंग ग्राउंड तक पहुंचाया जा रहा है कि नहीं। यह महत्वपूर्ण है। इसमें भी 900 अंक हैं। सूखे कचरे की प्रोसेसिंग किया जा रहा है ।
3. सिटीजन फीडबैक: इसमें पिछली बार कोरबा को 1250 अंक मिले थे। इस बार 3000 अंक हैं। जिसमें सिटीजन वॉइस फीडबैक और स्वच्छता एप से भी नंबर मिलते हैं। फीडबैक पर बेहतर अंक मिलने की उम्मीद है।
सार्वजनिक संस्थान सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में आगे, सफाई में पीछे
सार्वजनिक संस्थानों में बालको और एनटीपीसी में सफाई व्यवस्था ठीक है। सीएसईबी कॉलोनी और एसईसीएल की कॉलोनी में लोग अभी भी सड़क किनारे कचरा फेंक देते हैं। लेकिन सीएसईबी प्रबंधन ने कोरबा और एसटीपीपी कॉलोनी के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाकर बेहतर काम किया है। इससे भी अंक मिलेंगे।
हम हमेशा तैयार: स्वास्थ्य अधिकारी
निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय तिवारी का कहना है कि सर्वेक्षण टीम 5 बार पहुंचती है। सर्वेक्षण के लिए साल भर तैयारी चलती रहती है। टीम कब आ जाए यह नहीं बताती। अभी नालों की भी सफाई चल रही है।