अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2 मार्च को अमेरिकी संसद में ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ स्पीच दी। अपनी स्पीच में बाइडेन ने कहा- ‘पुतिन को अंदाजा भी नहीं है कि इन प्रतिबंधों से रूस को कितना नुकसान होगा। पुतिन को युद्ध के मैदान में बढ़त मिल रही है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।’
इस वक्त जिस अनुपात में रूस की सेना यूक्रेन पर हावी होती जा रही है, उसी हिसाब से रूस पर प्रतिबंध भी बढ़ते जा रहे हैं। खेल के मैदान से लेकर एयरस्पेस तक, SWIFT से बाहर करने से लेकर अरबपतियों की संपत्ति जब्त करने तक; रूस पर प्रतिबंधों के जरिए दबाव बनाने की कोशिशें जारी हैं।
1.सरकारी बैंकों के वित्तीय लेन-देन पर रोक
सरकारी और प्राइवेट बैंकों पर लगाए जाने वाले प्रतिबंध से रूस को कितना नुकसान हुआ है, इसे इस बात से समझ सकते हैं कि यूनाइटेड किंगडम में रूस के VTB बैंक के करीब 10.97 लाख करोड़ रुपए सरकार ने जब्त कर लिए हैं।
UK की तरह ही अमेरिकी ने भी रूस की टॉप फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट नोवीकॉम, सोवोकॉम, ओटीक्रिटी के 6.05 लाख करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं। कुल 11 देशों में बड़े पैमाने पर रूसी बैंकों के वित्तीय लेनदेन पर रोक लगाई गई है। वहीं, यूरोपीय देशों में रूस के आधे दर्जन से ज्यादा बैंकों और दूसरी संस्थाओं की संपत्ति जब्त की गई हैं।
अब तक बैंकों और बिजनेस पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूसी रूबल 30% तक टूट चुका है। सिर्फ शॉर्ट टर्म में ही नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म में भी इससे रूस की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ने वाला है।
2. इंपोर्ट-एक्सपोर्ट और प्राइवेट कंपनियों के बिजनेस पर रोक
रूस ओर यूरोपीय देशों के बीच 2021 वित्त वर्ष में 21.40 लाख करोड़ रुपए का कुल ट्रेड या व्यापार था। यह रूस के कुल ट्रेड का 35.7% है। अमेरिका से रूस का साल 2021 में 2.61 लाख करोड़ रुपए ट्रेड रहा है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के ट्रेड को मिला दें तो रूस से कुल 24 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का सलाना ट्रेड होता है।
वहीं, यूक्रेन की GDP 11.77 लाख करोड़ रुपए का है। मतलब इस जंग से रूस को जितना ट्रेड घाटा होने वाला है वह यूक्रेन की कुल GDP से ज्यादा है। हालांकि, इसका असर यूरोपीय देशों पर भी पड़ना तय है।
ऐसे में साफ है कि यूरोपीय देशों और अमेरिका के लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रूस का करीब 40% वैश्विक व्यापार प्रभावित होगा।
3. रूस को SWIFT से बाहर करना
SWIFT यानी सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन। यह दुनिया के 200 देशों का एक ऐसा नेटवर्क है, जो करीब 198 से ज्यादा बैंकों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को ऑपरेट करता है।
SWIFT से अलग किए जाने के बाद अब रूसी सेंट्रल बैंक और अन्य प्रतिबंधित बैंक किसी तरह से वित्तीय लेनदेन दूसरे देश के बैंकों से नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अब रूस के बिजनेसमैन, सरकारी या प्राइवेट कंपनी या फिर रूसी लोगों को दूसरे देश में सामान खरीदने के बाद बिल पे करने में दिक्कत आएगी। इसका सीधा असर रूस के एक्सपोर्ट-इंपोर्ट पर पड़ेगा।
पुतिन समेत रूस के 195 लोगों पर लगा कड़ा प्रतिबंध
रूस के रहने वाले 195 लोगों के खिलाफ यूके ने प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें से 9 लोगों की संपत्ति को भी जब्त कर लिया है। वहीं, अमेरिका ने भी पुतिन और उसके परिवार के 6 लोगों को प्रतिबंधित किया है। यूरोपियन यूनियन के देशों ने भी रूस के 26 लोगों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने पुतिन की संपत्ति जब्त करने की बात कही है।


