उत्तर प्रदेश में 2.81 करोड़ उपभोक्ताओं के बैंक खातों में जमा 7,211 करोड़ रुपये डूब गए हैं। ये पैसे उन खातों में थे, जिनमें पिछले दस सालों से कोई भी लेन-देन नहीं हुआ था। बैंकिंग नियमों की जानकारी न होने के कारण इन खातों को निष्क्रिय घोषित कर दिया गया है और बैंकों ने ये पैसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भेज दिए हैं।
CG NEWS: साईकिल सवार बच्चों को ट्रक ने मारी ठोकर, दूर फेंका जाने से बची दोनों की जान
1. 7,211 करोड़ रुपये का बड़ा आंकड़ा
उत्तर प्रदेश में यह एक बड़ा खुलासा है, जहां 2.81 करोड़ बैंक खातों में जमा 7,211 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड यानी लावारिस घोषित हो चुके हैं। ये पैसे उन लोगों के हैं, जिन्हें या तो बैंकिंग नियमों की जानकारी नहीं थी या वे अपने खातों को भूल चुके थे।
2. निष्क्रिय खातों की बड़ी संख्या
प्रदेश में इन निष्क्रिय खातों की संख्या बहुत ज्यादा है। 10 सालों से कोई भी लेन-देन न होने के कारण ये खाते बंद हो गए थे। ये पैसे उन लोगों के हैं जो अब या तो कहीं और चले गए हैं, या उनकी मृत्यु हो चुकी है और उनके परिजनों को इन खातों की जानकारी नहीं है।
3. आरबीआई को भेजे गए पैसे
नियमानुसार, अगर किसी बचत या चालू खाते में 10 साल तक कोई भी लेन-देन नहीं होता है, तो बैंक उस खाते में जमा राशि को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड में भेज देते हैं।
4. जानकारी की कमी बनी वजह
इस स्थिति की मुख्य वजह बैंकिंग नियमों की जानकारी का अभाव है। बहुत से लोगों को यह पता ही नहीं होता कि लंबे समय तक लेन-देन न करने पर उनका खाता निष्क्रिय हो सकता है और पैसा RBI के पास चला जाएगा
5. दिवंगत खाताधारकों के परिजन भी परेशान
जिन खाताधारकों का निधन हो गया है, उनके परिजनों को भी इस बारे में जानकारी नहीं है। यदि उन्हें खाते की जानकारी होती भी है तो उन्हें नॉमिनी और अन्य बैंकिंग प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं होती, जिससे वे पैसे नहीं निकाल पाते।
6. कैसे वापस मिलेगा पैसा?
जिन लोगों के पैसे RBI के पास चले गए हैं, वे कुछ नियमों का पालन करके इन्हें वापस पा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने बैंक से संपर्क करना होगा और जरूरी दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और खाते से संबंधित कागजात जमा करने होंगे।
7.आरबीआई की क्या है भूमिका?
RBI इस पैसे को अपनी निगरानी में रखता है और इसका उपयोग वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए करता है। हालांकि, यह पैसा खाताधारक या उनके कानूनी वारिस को वापस मिल सकता है।
8. उपभोक्ताओं को जागरूक होने की जरूरत
यह घटना इस बात को दर्शाती है कि लोगों को अपने बैंक खातों और उनसे संबंधित नियमों के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। समय-समय पर अपने खाते की जांच करना और नॉमिनी को अपडेट रखना बहुत जरूरी है।