Tuesday, August 12, 2025

15 दिन में 15 देशों तक पहुंचा मंकीपॉक्स:बेल्जियम में लक्षण मिलने पर क्वारैंटाइन जरूरी; मुंबई में संदिग्ध मरीजों के लिए आइसोलेशन वॉर्ड

कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया अब तेजी से मंकीपॉक्स की चपेट में आ रही है। यह बीमारी महज 15 दिन के अंदर 15 देशों में फैल गई है। शुक्रवार को बेल्जियम मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए 21 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड कंपलसरी करने वाला पहला देश बन गया। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि किसी भी देश में इस बीमारी का एक मामला भी आउटब्रेक माना जाएगा।

दूसरी तरफ, भारत भी मंकीपॉक्स को तेजी से फैलता देख अलर्ट हो गया है। सोमवार को मुंबई के बृहन्मुंबई नगर निगम ने कस्तूरबा अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर दिया है। हालांकि, अभी देश में इस बीमारी का एक भी मामला नहीं मिला है।

ब्रिटेन, अमेरिका, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इजराइल, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं। केवल 2 हफ्तों में ही मामलों की संख्या 100 के पार जा चुकी है। हालांकि, इस बीमारी से अब तक एक भी मौत नहीं हुई है।

मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार की चिंता भी बढ़ गई है। तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट करें और सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) को भेजें।

WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स जैसा दुर्लभ संक्रमण वैसे तो अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन यह कुछ लोगों में गंभीर साबित हो सकता है। ऐसे लोगों में छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बेहद कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग शामिल हैं। 5 साल से छोटे बच्चे इसकी चपेट में जल्दी आते हैं।

WHO इस बात से भी चिंता में है कि जिन लोगों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो रही है, उनमें से ज्यादातर लोगों का अफ्रीकी देशों से कोई कनेक्शन नहीं है। दरअसल, यह वायरस ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। नाइजीरिया, घाना और डीआर कांगो जैसे देशों में इसके मामले मिलना आम है।

  • मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है, जो पहली बार 1958 में कैद किए गए बंदर में पाया गया था। 1970 में पहली बार इंसान में इसके संक्रमण के पुष्टि हुई थी। इसका वायरस चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है।
  • मंकीपॉक्स का संक्रमण आंख, नाक और मुंह के जरिए फैल सकता है। यह मरीज के कपड़े, बर्तन और बिस्तर को छूने से भी फैलता है। इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बॉडी फ्लुइड्स को छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।
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