सावन का पहला दिन… शिव आराधना का महीना। जगह राजस्थान के राजसमंद का नाथद्वारा, जहां शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा है, वहां शिव की अद्भुत तस्वीर मिली। बादलों में विराजे शिव की।
‘पिछले कुछ दिनों से मैं मानसून यात्रा पर हूं। सावन का महीना शुरू हो रहा था तो सोचा कि शिव प्रतिमा की फोटो, बारिश के दौरान ली जाए। तो पहुंच गया नाथद्वारा।
यहां भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा है। मैं मूर्ति के सामने ऊंची जगह पर बनी पानी टंकी पर चढ़ बैठा। पहले दिन गया तो सिर्फ बादल दिखे, बारिश नहीं। दूसरा दिन भी ऐसे ही बीता। ऐसे करते-करते पांच दिन बीत गए, पर कोई खास फोटो नहीं मिली।
बुधवार आ गया था, सोचा आज फोटो नहीं मिली तो मेहनत बेकार, क्योंकि गुरुवार से तो सावन शुरू हो रहा है, फिर क्या मतलब…। एक बार फिर सुबह से शाम और शाम से रात। टंकी पर बैठे-बैठे प्रार्थना ही कर रहा था कि बस एक फोटो चाहिए। बारिश जैसा माहौल था, मगर बादल बरस नहीं रहे थे। अचानक बिजलियां कड़कनी शुरू हुईं। उम्मीद जागी कि बिजली के साथ फोटो हो जाएगी पर एक-दो बिजलियां चमकने के बाद फिर शांति।
रात के 9.30 बजे थे। अचानक शिव प्रतिमा के ऊपर बादल छाने लगे। थोड़ी देर बाद बादलों की ओर देखा तो देखता ही रह गया। दो-एक बार आंखें मीचीं भी कि कहीं भरम तो नहीं। दरअसल बादलों के बीच शिव प्रतिमा की छाया दिखाई दे रही थी। एक पल नहीं गंवाया और मोबाइल से ही फोटो ले ली कि कहीं ये ओझल न हो जाए। फिर वीडियो भी बनाया, क्योंकि आज हर कोई सबूत मांगता है। उसके बाद कैमरे से भी कई फोटो लिए। इतने दिनों की मेहनत के बाद लगा कि शिव का आशीर्वाद मिल ही गया। ये तस्वीर वही है…’
बादलों में शिव की छाया मूर्ति के आसपास लगी LED लाइट्स की वजह बनी। प्रतिमा के आसपास ऐसी 40 LED लाइट्स हैं। एक लाइट 120 वॉट की है। अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी में ऐसी ही लाइट्स हैं। इनकी रोशनी आसमान में काफी ऊंचाई तक जाती है।


