रूस-यूक्रेन युद्ध भारत के साथ ही छत्तीसगढ़ के स्टूडेंट्स के लिए मुसीबत बन गया है। वहां हो रहे बम धमाकों की आवाज अब बच्चों के पैरेंट्स तक पहुंच रहे हैं। यूक्रेन के खारकीव, कीव सहित अन्य शहरों में फंसे छत्तीसगढ़ के बच्चे दहशत में हैं। वहीं, उनके पैरेंट्स भी अपने बच्चों की चिंता में दिन-रात परेशान हैं। अब उनके मन में बस यही प्रार्थना है कि सारे स्टूडेंट्स सुरक्षित भारत लौट आए। खारकीव में फंसी छात्रा की मां ने बताया कि बेटियों को खाने-पीने की तकलीफ हो रही है। एटीएम बंद है तो रुपए भी नहीं निकाल पा रही हैं।
बिलासपुर के जरहाभाठा की रहने वाली सीमा लदेर की बेटी रिया अदिति लदेर खारकीव के नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में 6th ईयर में पढ़ती है। पिछले चार दिन से उन्हें बंकर और मेट्रो में रात गुजारना पड़ रहा है। खाना बनाना तो दूर बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। सुबह होने पर कुछ समय के लिए फ्रेश होने जाती है। इस बीच सायरन की आवाज आने पर उन्हें बंकर और मेट्रो में जाकर छिपना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार सभी बच्चों को सुरक्षित भारत लेकर आए। यही अपील है। हालांकि, यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से बच्चों को सुरक्षित निकालने की कोशिश हो रही है।
चिप्स और ब्रेड से भर रहे पेट
सीमा लदेर ने बताया कि अदिति और उसके साथ रहने वाले स्टूडेंट्स खारकीव में फंसे हैं, जो रूस बार्डर में है। इसके चलते उन्हें ज्यादा दिक्कत है। शनिवार की शाम को उनके हॉस्टल के पास ही धमाका सुनाई दिया। जैसे ही सायरन बजा, उन्हें बंकरों की ओर भागना पड़ा। उन्होंने बताया कि बच्चियां चिप्स और ब्रेड से पेट भर रही हैं। पीने के पानी के लिए भी तकलीफ होने लगी है। एक बोतल पानी को घूट-घूट पीकर काम चलाना पड़ रहा है।