कोरबा। राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से कलेक्ट्रेट में पिछले दो दिनों से अवकाश जैसा माहौल है। आवक-जावक कार्यालय बंद होने से दूर दराज से शिकायत समस्या लेकर आने वालों को बिना पावती और समाधन के वापस लौटना पड़ा रहा है।
जिला कार्यालयों से राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की पूर्व सूचना के बाद भी प्रशासन की ओर से वैकल्पि व्यवस्था नहीं की गई हैं। कोरोना संक्रमण में आई कमी के बाद प्रशासनिक कामकाज में प्रगति के आसार नजर आ रहे थे। इस बीच रायगढ़ में राजस्व कर्मचारी और अधिकवक्ताओं के बीच छिड़े विवाद से कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। राज्य शासन ने कार्य दिवस के एक घंटा बढ़ाकर सप्ताह में रवि के साथ शनिवार की छुट्टी को नियमित कर दिया है। सोमवार से कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। उससे पहले दो दिन अवकाश था। कार्यालय में कामकाज पिछले चार दिन से बंद है। बताना होगा कि मंगलवार जिले के अंतिम छोर के गांव घुईचुआ, रामाकछार व उड़ान के ग्रामीण कलेक्ट्रेट समस्या लेकर पहुंचे थे। ग्रामीण धरम सिंह कुसरो ने बताया कि उनके गांव में शहर से जोडऩे के निर्मित पीएमजीएसवाय सड़क चार साल से जर्जर है। तीन गांव के ग्रामीण समस्या का हल की मांग लेकर कलेक्ट्रेट आए थे। यहां आवक जावक में समस्या संबंधी पत्र लेने वाला भी कोई नहीं है। 80 किलोमीटर दूरी तयकर कलेक्ट्रेट आना व्यर्थ ही हुआ। इसी तरह राजस्व मामले की निराकरण कराने ग्राम दोंदरों से पहुंचे महेश महंत व धनकुंवर को भी बिना निराकरण के ही घर लौटना पड़ा।
न्यायालयों में तालाबंदी करने वाले राजस्व कर्मियों पर एफआईआर की मांग
जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व सचिव नूतन सिंह ठाकुर का कहना है कि रायगढ़ में घटित विवाद के विरोध में शासकीय कर्मचारियों के हड़ताल के कारण विगत 2 दिनों से कोरबा के सभी राजस्व न्यायालयों में ताला लगा दिया गया है। राजस्व न्यायालयों और कार्यालयों में ताला लगाया जाना न्यायालयीन कार्य की अवज्ञा है। राजस्व कर्मियों ने ताला लगाकर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किया है, जिसके लिए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया जाए। शासकीय कार्यालयों और न्यायालयों में अधिवक्ताओं के साथ आम जनता का सीधा ताल्लुक रहता है। यदि कर्मचारी हड़ताल में है तो पीठाशीन अधिकारी को शासकीय कार्यालयों को खुला रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाना चाहिए तथा आम जनता की सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए। जिला कलेक्टर कोरबा को इस मामले में संज्ञान लेकर जिन कर्मचारियों ने ताला लगाया है उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने और न्यायालय की अवज्ञा का अपराध पंजीबद्ध किया जाए।
अधिवक्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
रायगढ़ में हुई अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में तहसील कोर्ट के सामने अधिवक्ताओं ने कलम बंद धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने रायगढ़ में अधिवक्ताओं के खिलाफ किए गए पुलिसिया कार्रवाई को एकतरफा व गलत बताया है। उन्होंने मांग की है कि अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाए। इससे पूर्व अधिवक्ताओं ने घटनाक्रम को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया था। कलमबंद प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने न्याय संगत कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर व एसपी को ज्ञापन सौंपा है।

मायूस लौट रहे लोग, कलेक्टे्रट में अवकाश जैसा माहौल, राजस्व कर्मियों के हड़ताल का असर
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