कोरबा। नगरीय निकाय चुनाव से पहले कोरबा की मतदाता सूची में चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आई हैं। मामला तब गरमा गया जब पूर्व राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता जयसिंह अग्रवाल ने आरोप लगाया कि वार्ड क्रमांक 36, कोसाबाड़ी के डिंगापुर मतदान केंद्र की सूची में वर्तमान जिला कलेक्टर के सरकारी आवास (सी-2) पर चार-चार पूर्व कलेक्टरों के नाम दर्ज हैं।
सूची में रानू साहू, मोहम्मद कैसर अब्दुल हक, किरण कौशल और सौरभ कुमार के नाम दर्ज हैं, जबकि ये अधिकारी काफी पहले ही ट्रांसफर हो चुके हैं। यही नहीं, उसी पते पर पूर्व डिप्टी कलेक्टर रुचि शार्दुल, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया और कोषालय अधिकारी गौरीशंकर जागृति भी मतदाता के रूप में दर्ज हैं, जबकि फिलहाल यह मकान वर्तमान कलेक्टर अजीत बसंत के पास है।
रिटायर अफसर भी ‘सक्रिय वोटर’
सूची में ऐसे नाम भी हैं जो सालों पहले सेवा से रिटायर हो चुके हैं, जैसे 2022 में सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर बी.एस. मरकाम और जिला खाद्य अधिकारी एच. मसीह। इतना ही नहीं, बिलासपुर में रह रहे एक परिवार के चार सदस्यों के नाम भी पांच साल बाद तक सूची में बने हुए हैं।
पूर्व मंत्री का तंज
जयसिंह अग्रवाल ने कहा – “जब जिला निर्वाचन अधिकारी अपने ही घर की मतदाता सूची ठीक नहीं कर पा रहे, तो पूरे जिले की सूची पर कैसे भरोसा किया जाए?” उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
दूसरा मोर्चा – रावत उपजाति को OBC सूची में शामिल करने की मांग
इसी बीच, झरिया यादव समाज ने कोरबा कलेक्टर को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उनकी मांग है कि रावत उपजाति को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल किया जाए। समाज का कहना है कि छत्तीसगढ़ में रावत जाति पिछड़ा वर्ग में है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे जनरल वर्ग में रखा है, जिससे वे आरक्षण और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।