कानपुर दिल्ली में बुआ के घर रह रही आठ वर्षीय बच्ची को पिता की याद आई तो वह रोडवेज बस में छिपकर शहर आ गई। रास्ते में यात्रियों ने उसे देखकर शोर मचाया और कंडक्टर ने उतारने का प्रयास भी किया।
लेकिन बस में बैठे दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी संस्था के सदस्य न केवल उसका किराया दिया बल्कि सदस्यों के साथ मिलकर पुलिस की मदद से उसे कल्याणपुर स्थित उसके घर पहुंचाया। जहां परिवार भी बच्ची को पाकर खुश है।
कल्याणपुर के श्याम विहार निवासी मुकेश एक हास्पिटल में वार्ड ब्वाय की नौकरी करते हैं। कई साल पहले पत्नी से अनबन हुई तो वह दो बच्चों को साथ लेकर चली गई जबकि पायल को मुकेश के पास ही छोड़ गई।
शराब के लती होने के चलते मुकेश ने बेटी को दिल्ली के आनंद विहार आर्य नगर में रहने वाली अपनी बहन गुड्डन के पास भेज दिया था। अचानक पायल को पिता की याद आई तो वह घर के पास ही आनंद विहार बस अड्डे से कानपुर जा रही बस में छिपकर बैठ गई।


