Monday, December 8, 2025

जिले की कोयला खदानों से 85 मिलियन टन हुआ उत्पादन, गेवरा परियोजना से सर्वाधिक 31.65 मिलियन टन प्रोडक्शन

कोरबा। चालू वित्तीय वर्ष में जिले की कोयला खदानों से अभी तक 85 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया गया है। एसईसीएल के अनुसार एक दिन पहले तक कोरबा एरिया में कोरबा 06.48 मलियन टन, कुसमुंडा एरिया में 21.63 मिलियन टन, दीपका खदान में 25.83 मिलियन टन और सबसे बड़ी परियोजना गेवरा क्षेत्र में 31.65 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है। कोयला उत्पादन में तेजी के लिए मेगा प्रोजेक्ट गेवरा में इन दिनों हर दिन डेढ़ लाख टन कोयला उत्पादन हो रहा है। दीपका में भी एक लाख टन कोल प्रोडक्शन हो रहा है।
वित्तीय वर्ष के बाकी दिनों में लक्ष्य पूरा करने की चुनौती है। वहीं उत्पादन में पिछडऩे की वजह से कोयला आपूर्ति का भी दबाव बढ़ा है। आने वाले दिनों में बिजली की डिमांड बढऩे के साथ कंपनी पर भी कोयला आपूर्ति का दबाव रहेगा। वर्तमान में पावर सेक्टर को प्राथमिकता से कोयला आपूर्ति की बात कही जा रही है। नान पावर सेक्टर के उद्योगों को भी कोयले को चिंता बनी हुई है। इसे गंभीरता से लेते हुए कंपनियों ने नए रोडमैप के हिसाब से काम नहीं किया तो आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ेंगी।मौजूदा वित्तीय वर्ष में एसईसीएल का उत्पादन लक्ष्य 172 मिलियन टन है। इस लक्ष्य के मुकाबले एसईसीएल ने अब तक 110 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लिया है। वित्तीय वर्ष के शेष दिनों में कंपनी को 62 मिलियन टन कोल प्रोडक्शन और करना है। कंपनी को हर दिन अब 1.6 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना होगा। टारगेट पूरा करने के लिए उत्पादन पर फोकस किया जा रहा है। इसलिए वर्तमान में एसईसीलए को हर दिन 7.19 लाख टन तक कोयला उत्पादन करने का दबाव है। एसईसीएल में हर दिन 5.20 लाख टन तक कोयला उत्पादन किया जा रहा है।

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