Thursday, September 19, 2024

छत्तीसगढ़ को मिली दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस:रायपुर से विशाखापट्टनम हुई रवाना, PM ने दिखाई हरी झंडी; केबिन में नींबू-मिर्ची और नारियल

छत्तीसगढ़ को आज दूसरी वंदे भारत ट्रेन मिल गई है। दुर्ग-विशाखापट्नम ट्रेन की शुरुआत सोमवार को रायपुर से हुई। नरेंद्र मोदी ने शाम 4.15 बजे वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। रात 12.20 बजे यह ट्रेन विशाखापट्टनम पहुंचेगी।

इसका पहला सफर दुर्ग की महिला ट्रेन सुपरिटेंडेंट अंजु लकड़ा की निगरानी में हो रहा है। रायपुर में राज्यपाल रमेन डेका ने इसे हरी झंडी दिखाई। इस दौरान डिप्टी सीएम, सांसद समेत कई विधायकों और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

लोको पायलट केबिन में नींबू-मिर्ची टंगाकर और नारियल रखकर नई ट्रेन का उद्घाटन
लोको पायलट केबिन में नींबू-मिर्ची टंगाकर और नारियल रखकर नई ट्रेन का उद्घाटन

दुर्ग से ​​​​​विशाखापट्टनम तक एग्जीक्यूटिव का किराया 2410, चेयर कार का 1205 रुपए तय किया गया है। वहीं रायपुर से एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2300 रुपए और चेयर कार का 1150 रुपए है। जबकि दुर्ग से विशाखापट्टनम जाने के लिए सामान्य ट्रेन से करीब 16 घंटे लगते हैं। जनरल का किराया 170 रुपए, स्लीपर का 320 रुपए, 3AC का 812 और 2AC का किराया 1169 रुपए है।

अंजू लकड़ा बास्केटबॉल की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रही हैं। उन्होंने 9 बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। उद्घाटन सफर को अपनी निगरानी में लेते ही वह रायपुर मंडल की पहली महिला ट्रेन सुपरिटेंडेंट बन जाएंगी। उनकी टीम में तीन और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जे वेणु सिंह और प्रिंसी जे चेरियन (बॉस्केटबॉल) शिप्रा घोष (एथलेटिक्स) भी शामिल हैं।

टीम में शामिल सुनीता सिंह ने स्काउट एंड गाइड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वेणु सिंह समाज सेवा के कार्यों में आगे रहती हैं। टीम में राज कुमार प्रसाद, गोविंद राव दासरी और मनोज कुमार मेहता भी हैं। रायपुर से ट्रेन को पहली बार सीनियर लोको पायलट केएल रावटे और उनके सहयोगी लोको पायलट एसके वर्मा लेकर जाएंगे। शंकर कुमार मंडल ट्रेन मैनेजर यानी गार्ड होंगे।

अंजू की टीम में 6 महिलाएं भी हैं। महिलाओं की टीम न केवल यात्रियों के टिकट की जांच करेगी, बल्कि सफर के दौरान यात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी।
अंजू की टीम में 6 महिलाएं भी हैं। महिलाओं की टीम न केवल यात्रियों के टिकट की जांच करेगी, बल्कि सफर के दौरान यात्रियों की सुविधाओं और सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी।

वंदे भारत ट्रेन भारत में सबसे तेज चलनी वाली ट्रेन है। यह ट्रेन सिर्फ 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ लेती है। फिलहाल इसे रेलवे 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चला रही हैं, जिसे 200 किमी प्रति घंटे तक ले जाने का प्लान है।

वंदे भारत एक्सप्रेस की कुछ और खास बातें

  • वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 यात्री कारें होती हैं। इसमें 1,128 लोगों के बैठने की क्षमता होती है।
  • वंदे भारत एक्सप्रेस का बाहरी ढांचा बुलेट ट्रेन जैसा होता है।
  • इसके हर छोर पर एक ड्राइवर कोच होता है।
  • वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत में इसे ट्रेन 18 के नाम से जाना जाता था।
  • साल 2018 में परीक्षणों के बाद इसका नाम बदलकर वंदे भारत कर दिया गया।
  • वंदे भारत एक्सप्रेस की टॉप स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।

ट्रेन सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन युक्त होगी, यानी इसमें अलग से इंजन नहीं होता है। आगे और पीछे, दोनों तरफ लोको पायलट केबिन बने है।

ट्रेन में जीपीएस सिस्टम लगा होने से इसकी लोकेशन मोबाइल पर भी चेक कर सकेंगे। मोबाइल एप पर ट्रेन का टाइम व लोकेशन शो होगी।

सिक्योरिटी के लिहाज से सीसीटीवी भी लगे है।

कोच के टॉयलेट वैक्यूम बेस्ड बायो टॉयलेट है। जैसे फ्लाइट में होते हैं। इससे टॉयलेट क्लीन रहेंगे।

 कोच में इमरजेंसी पुश बटन होगा, इससे किसी भी तरह की इमरजेंसी होने पर दबा सकेंगे।

एग्जीक्यूटिव क्लास की चेयर यूरोपियन स्टाइल की आरामदेह सीट है, जो गोल्डन, वायलेट और पिंक कलर में होती है।

इस ट्रेन के लगेज रैक में एलईडी डिफ्यूज लाइट्स लगी हैं, जो अक्सर विमानों में लगी होती हैं।

 

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