Wednesday, December 10, 2025

चिंतन मनन

बच्चें की सीख?
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एक पापी इन्सान मरते वक्त बहुत दुख और पीड़ा भोग रहा था।
लोग वहाँ काफी संख्या मेँ इक्ट्ठे हो गये, वहीँ पर एक महापुरूष आ गये, पास खड़े लोगोँ ने महापुरूष से पूछा कि आप इसका कोई उपाय बतायेँ जिससे यह पीड़ा से मुक्त होकर प्राण त्याग दे और ज्यादा पीड़ा ना भोगे। महापुरूष ने बताया कि अगर स्वर्ग की मिट्टी लाकर इसको तिलक किया जाये तो ये पीड़ा से मुक्त हो जायेगा। ये सुनकर सभी चुप हो गये। अब स्वर्ग की मिट्टी कहाँ से और कैसे लायेँ ?
महापुरुष की बात सुन कर एक छोटा सा बच्चा दोड़ा दोड़ा गया और थोड़ी देर बाद एक मुठ्ठी मिट्टी लेकर आया और बोला ये लो स्वर्ग की मिट्टी इसे तिलक कर दो। बच्चे की बात सुनकर एक आदमी ने मिट्टी लेकर उस आदमी को जैसे ही तिलक किया कुछ ही क्षण मेँ वो आदमी पीड़ा से एकदम मुक्त हो गया। ये चमत्कार देखकर सब हैरान थे, क्योँकि स्वर्ग की मिट्टी कोई कैसे ला सकता है ? और वो भी एक छोटा सा बच्चा।
हो ही नहीँ सकता।
महापुरूष ने बच्चे से पूछा-बेटा! ये मिट्टी तुम कहाँ से लेकर आये हो ? पृथ्वी लोक पे कोन सा स्वर्ग है जहाँ से तुम कुछ ही पल मेँ ये मिट्टी ले आये?
लड़का बोला-बाबा जी एक दिन हमारे स्कूल के शिक्षक नवनीत ने बताया था कि माँ के चरणोँ मेँ सबसे बड़ा स्वर्ग है, उसके चरणोँ की धुल से बढ़कर दूसरा कोई स्वर्ग नहीँ। इसलिये मैँ ये मिट्टी अपनी माँ के चरणोँ के नीचे से लेकर आया हूँ।
बच्चे मुँह से ये बात सुनकर महापुरूष बोले-बिल्कुल बेटे माँ के चरणो से बढ़कर इस जहाँ मेँ दूसरा कोई स्वर्ग नहीँ। और जिस औलाद की वजह से माँ की आँखो मेँ आँसू आये ऐसी औलाद को नरक इस जहाँ मेँ ही भोगना पड़ता है।
इसलिये अगर आप चाहे कितनी भी तरक्की कर लेँ, कितना भी रूपया पैसा जमा कर लेँ आसमां की उच्चाईयोँ को क्योँ ना छू लेँ जब तक आपकी वजह से माँ खुश नहीँ है तब तक वो भगवान भी आपसे खुश नहीँ होगा। कोई भी दान, पुण्य और तीर्थ करने का फल आपको नहीँ मिलेगा।

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