Monday, August 11, 2025

चिंतन मनन

*हम सब अपनी जिंदगी को जी रहे हैं । कोई जिंदगी का हर पल मस्ती में जी रहा ,कोई दुःख के साथ जी रहा, कोई किसी से नाराज होकर जी रहा कोई सबके साथ खुश होकर जी रहा है और कोई भगवान को दोष देकर जी रहा। पर जिंदगी सभी जी रहे। पर हम सब इस जीवन में इतने खो गए कि हमे ये नही मालूम कि जिंदगी कब खत्म होकर अपनी आगोश में लेने वाली हैं।एक पल आएगा और अचानक जिंदगी सोचने का मौका भी नही देगी और हम बस यादों में ही रह जाएंगे।*

 

*अब तक हमने क्या किया, अपनी जिंदगी के पन्ने पलट कर देखिये ,कितनो को दुख दिए, कितनो से छल कपट किये, कितनो को लूटा, कितने झूठ बोले,कितने दिलो में बसे, कितने दिल तोड़े। क्या मन मे ये प्रश्न नही उठता की जिनको हमने तकलीफ दी, जिनका दिल दुखाया, जिनके साथ धोखा दिया उनसे माफी मांग ले ।*

 

*अब आते हम असली मुद्दे पर । संसार मे जन्म लेने औऱ मृत्यु होने तक का सही समय कोई ज्योतिष या विज्ञान नही बता सकता, वो सिर्फ जनम या मरण के बारे में सम्भावना व्यक्त कर सकता हैं । कौन इंसान कितनी उम्र लेकर आया है इसका कोई भरोसा नही । ईश्वर ने वो विभाग अपने पास रखा है, किसकी मौत कंहा लिखी ये भी नही पता।*

 

*मतलब ये है कि हम जिंदगी जीने की मौज में इतने मस्त हैं कि ये भी नही जानते कि मौत कब से हमारा रास्ता देख रही हैं । अब तक हम ये नही जान पा रहे कि हमारी मौत कैसी होगी। क्या जिंदगी जीने में हम इतना भूल गए कि हम ईश्वर से ये प्रार्थना करे कि हे ईश्वर आपने इतनी सुकून भरी जिंदगी दी,लेकिन इससे अच्छी मौत देना।*

 

*अगर हम मौत की बात करे, तो कई लोगों की मौत इतनी बदतर होती है जिसे लिखना मुश्किल है। बिस्तर पर पड़े हैं लकवा हुआ है, न उठ सकते, न बैठ सकते, बिस्तर पर गन्दगी कर रहे, घर वाले भी सेवा नही कर रहे नोकर के भरोसे हो। या दुर्घटना में हाथ पैर टूट गए । या कोई ऐसी बीमारी के शिकार हो गए जिसका कोई इलाज नही । तड़फ रहे ,भगवान से मौत मांग रहे पर मर भी नही पा रहे। वंही दूसरी मौत सुकून भरी, रात को सबसे मिलकर सोये, ईश्वर को नमन किया, सुबह जब घर वालो ने देखा तो हम ईश्वर की शरण मे जा चुके थे।*

 

*जिंदगी जीना जितना दुश्वार है । उतनी ही मौत भी है। किस्मत वाले होते हैं जो एक पल में बिना किसी को तकलीफ दिये इस संसार से ईश्वर शरण मे चले जाते हैं । क्या आप लम्बी जिंदगी जीना पसंद करोगे, जो बिस्तर पर गुजरे, जो गन्दगी के बीच गुजरे, जो अपनो से दूर कर दे, जो हमे खाने, उठने बैठने के लिए मोहताज कर दे या अल्पायु जिंदगी जो एक पल में ईश्वर की शरण मे ले लें।*

 

*उठो जाओ और अब भी मौका है उनके पास जाओ जिनका दिल दुखाया आपने, जिनको धोखा दिया आपने, जिनको लूटा आपने.जिनसे कर्ज लेकर लौटाया नही आपने वरना इतनी बद्दुआ लेकर मौत भी जल्दी नही आयगी। बहुत भयानक आयगी l,हर पल बोलोगे की भगवान उठा ले, पर भगवान भी साथ नही देगा।*

 

 

*आइये श्रीहरि भगवान से एक प्रार्थना करे, है कि हे भगवान ये संसार का नियम है कि एक पत्ता वृक्ष पर आता है लेकिन पतझड़ में वो चला जाता है । हमे भी जाना निश्चित है । लेकिन ईश्वर आपसे प्रार्थना है कि आयु कम दे पर जिंदगी का आखरी पल इतना बदतर मत देना कि किसी के सहारे की आवश्यकता पड़े । बस आखरी समय एक तू ही मेरा सहारा बने*।…………

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