Thursday, September 19, 2024

चिंतन मनन

अच्छी सोच
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एक महान विद्वान से मिलने के लिये एक दिन नयासर के राजा आये। राजा ने विद्वान तन्विक से पूछा, ‘क्या इस दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति है जो बहुत महान हो लेकिन उसे दुनिया वाले नहीं जानते हो?’ विद्वान तन्विक ने राजा से विनम्र भाव से मुस्कुराते हुए कहा, ‘हम दुनिया के अधिकतर महान लोगों को नहीं जानते हैं।’ दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो महान लोगों से भी कई गुना महान हैं।
राजा ने विद्वान से कहा, ‘ऐसे कैसे संभव है!’ विद्वान ने कहा, मैं आपको ऐसे कई व्यक्तियों से मिलवाऊंगा। इतना कहकर विद्वान, राजा को लेकर एक गांव की ओर चल पड़े. रास्ते में कुछ दूर पश्चात् पेड़ के नीचे एक बूढ़ा आदमी वहाँ उनको मिल गया। बूढ़े आदमी के पास एक पानी का घड़ा और कुछ डबल रोटी थी. विद्वान और राजा ने उससे मांगकर डबल रोटी खाई और पानी पिया।
जब राजा उस बूढ़े आदमी को डबल रोटी के दाम देने लगा तो वह आदमी बोला- महोदय, मैं कोई दुकानदार नहीं हूँ. मैं बस वही कर रहा हूँ जो मैं इस आयु में करने योग्य हूँ। मेरे बेटे का डबल रोटी का व्यापार है, मेरा घर में मन नहीं लगता इसलिये राहगिरों को ठंडा पानी पिलाने और डबल रोटी खिलाने आ जाया करता हूँ. इससे मुझे बहुत खुशी मिलती है. विद्वान तन्विक ने राजा को इशारा देते हुए कहा कि देखो राजन् इस बूढ़े आदमी की इतनी अच्छी सोच ही इसे महान बनाती है।

फिर इतना कहकर दोनों ने गाँव में प्रवेश किया। तब उन्हें एक स्कूल दिखाई दिया। स्कूल में उन्होंने एक शिक्षक नवनीत से बातचीत की और राजा ने उससे पूछा कि आप इतने विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं तो आपको कितनी राशी (रुपये) मिलती है। उस शिक्षक ने राजा से कहा कि महाराज मैं रुपयों के लिये नहीं पढ़ा रहा हूँ, यहाँ कोई शिक्षक नहीं थे और विद्यार्थियों का भविष्य दाव पर था, इस कारण मैं उन्हें नि:शुल्क में शिक्षा देने आ रहा हूँ। विद्वान ने राजा से कहा कि महाराज दूसरों के लिये जीने वाला भी बहुत ही महान होता है. और ऐसे कई लोग हैं जिनकी ऐसी महान सोच ही उन्हें महान से भी बड़ा महान बनाती हैं।
इसलिए राजन् अच्छी सोच व्यक्ति का भाग्य निर्धारित करती है. इसलिए हमेशा अच्छी बातें ही सोचकर कार्य करें और महान बनें. आदमी बड़ी बातों से नहीं बल्कि अच्छी सोच व अच्छे कामों से महान माना जाता है.
जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिये और सफलता प्राप्त करने के लिये बड़ी बातों को अधिक महत्व देने के बजाय अच्छी सोच को अधिक महत्व देना चाहिये क्योंकि आपकी अच्छी सोच ही आपके कार्य को निर्धारित करती है..!!

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