Monday, December 8, 2025

चिंतन-मनन

*मेरे पीछे मत चलिए*,

*हो सकता है, कि मै नेतृत्व ना कर सकू..*
*मेरे आगे मत चलिए*,
*हो सकता है, मैं “अनुगमन” ना कर सकूँ..*
*बस मेरे साथ चलिए मेरे अपने बनकर*
*ताकि मैं, आपके साथ चल सकूँ..*
*जिंदगी में दिल से प्रशंसा,*
        *दिमाग से हस्तक्षेप और*
*विवेक से प्रतिक्रिया में ही*
        *समझदारी है वरना मौन*
*रहना ही बेहतर है,*…………..
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