***भय हमारी मानसिक और*
*शारीरिक शक्तियाँ क्षीण कर देता है।****
*किसी भी प्रकार क़ा डर या भय मनुष्य की शक्ति को खत्म कर देता है, जीवन मे एक उदासी भर देता है भय, उदास रहने की आदत को टालिये हंसता मुस्कराता एक पल का जीवन रोते – झींकते सौ साल के जीवन से कही ज्यादा सुखद है।*
*जब मन मे किसी प्रकार का भय होता है तो सारी की सारी मानसिक और शारीरिक शक्तियां छीन भिन्न रहती है, उस समय एकाग्रतापूर्वक आप किसी भी बात का सही निर्णय नही ले सकते, कुछ लोग इसी कारण तरक्की से वंचित रह जाते है डर नामक राक्षस को मात्र अभ्यास से ही जड़ समेत खत्म किया जा सकता है इसकी कोई दवाई नही होती बेरहम बाजार की दवाईयां सिर्फ खोखला कर देंगी!*
*याद रहे..डर एक ऐसा ऑक्टोपसी रूपी जीव है जो आपके शरीर के हर अंग को सभी 8 पंजो से जकड़कर आपकी सोचने समझने की शक्ति खत्म कर देता है डर हदयरोग का आरम्भिक लक्षण है।*
*इसलिए सदा मस्त रहें स्वस्थ रहें,छोड़ दें सब परमात्मा पर, उसके रास्ते मे न आएं, जो उसे करना है करे, आप स्वीकार भाव मे रहते हुए आनंदित रहें, यही तो वास्तव् मे जीवन है l


