दुनिया में जब भी कोई चीज मुफ्त मिल रही हो, तो समझ लेना कि आपको इसकी कोई बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
नोबेल पुरस्कार विजेता डेसमंड टुटू ने एक बार कहा था कि जब मिशनरी अफ्रीका आए, तो उनके पास बाईबल थी, और हमारे पास जमीन। उन्होंने कहा ‘हम आपके लिए प्रार्थना करने आये हैं। हमने आखें बंद कर लीं,,, जब खोलीं तो हमारे हाथ में बाईबल थी, और उनके पास हमारी जमीन।’
इसी तरह जब सोशल नैटवर्क साइट्स आईं, तो उनके पास फेसबुक और व्हाट्सएप आदि थे, और हमारे पास आजादी और निजता थी।
उन्होंनेकहा ‘ये मुफ्त है।’ हमने आखें बंद कर लीं, और जब खोलीं तो हमारे पास फेसबुक और व्हाट्सएप आदि थे, और उनके पास हमारी आजादी और निजी जानकारियां।
जब भी कोई चीज मुफ्त होती है, तो उसकी कीमत हमें हमारी आजादी दे कर चुकानी पड़ती है।


