Sunday, December 14, 2025

ग्रामीण अंचलों में लोकपर्व छेरछेरा का दिखा उत्साह, घर पहुंचे लोगों को धान, अन्न का किया दान

ग्रामीण अंचलों में लोकपर्व छेरछेरा का दिखा उत्साह, घर पहुंचे लोगों को धान, अन्न का किया दान

कोरबा। छत्तीसगढ़ का लोकपर्व छेरछेरा का सोमवार को जिले के ग्रामीण अंचलों में खासा उत्साह देखा गया। सुबह बच्चों की टोलियां ने लोगों के घरों में पहुंचे। परिवार के सदस्यों ने धान का दान किया। इधर दोपहर होते-होते पर्व की रौनक बढ़ गई। ग्रामीणों का समूह भी लोगों के घरों में दस्तक दिया। इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्रों से गीत गाकर लोक पर्व की खुशियां मनाई। बड़े उत्साह से घर के सदस्यों ने धान व नगदी रकम का दान किया।
लोकपर्व छेरछेरा पर घरों में विशेष पकवान भी बनाए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में इस त्यौहार की धूम रही। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग घर-घर जाकर छेरछेरा के रुप में धान मांगा। इस दौरान लोग धान के साथ यथासंभव रुपए और बच्चों को चॉकलेट, घरों में बनाए पकवान भी दिए। यह पर्व फसल मिसाई के बाद खुशी मनाने से संबंधित है। मान्यता है कि धान के कुछ हिस्से को दान करने से अगले वर्ष अच्छी फसल होती है। इसी वजह से किसानों में धान का दान करने उत्साह दिखा। इस दिन किसान अपने दरवाजे पर आए किसी भी व्यक्ति को निराश नहीं करते। प्राचीन काल में राजा महाराजा भी इस पर्व को मनाते थे। छत्तीसग? में प्राचीनकाल से छेरछेरा पर्व की संस्कृति का निर्वहन होते आ रहा है। दिन भर छेरछेरा हो छेरछेरा, कोठी के धान ल हेर हेरा की आवाज गूंजती रही। लोगों ने भी खुश होकर अपनी-अपनी हैसियत के हिसाब से छेरछेरा मांगने वालों को अन्नदान किया। छेरछेरा के दिन गांवों में शाकंभरी देवी की जयंती भी मनाई गई। नगर में चाकलेट, बिस्कुट, चावल और पैसे भी छेरछेरा के रूप में दिए गए।

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