महामारी से आई बाधाओं के बावजूद कोविड के बाद देश में महंगे घरों की खरीदारी बढ़ी है। बीते दो साल में 50 लाख रुपए से ज्यादा के मकानों की हिस्सेदारी 52 से बढ़कर 60% हो गई। इसमें भी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी एक करोड़ रुपए से अधिक वाले मकानों की हुई है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रेंक के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 की दूसरी तिमाही में 1 करोड़ से अधिक कीमत वाले मकानों की बिक्री 283 फीसदी बढ़ी। तीसरी तिमाही में इसमें 89% व चौथी तिमाही में 32% इजाफा हुआ।
इसी तरह, 50 लाख से 1 करोड़ कीमत वाले मकानों की बिक्री 2021 की दूसरी तिमाही में 155%, तीसरी में 107% और चौथी में 8% बढ़ी। 50 लाख से कम कीमत वाले घरों की बिक्री 2021 की दूसरी तिमाही में 175%, तीसरी में 82% और चौथी में 8% ही बढ़ी। इससे रियल एस्टेट की बिक्री में 50 लाख से ऊपर के मकानों की हिस्सेदारी 52 से बढ़कर 60% पर पहुंच गई। अलग-अलग शहरों से क्रेडाई व अन्य एजेंसियों से मिले इनपुट के मुताबिक, कोविड के बाद 80 लाख रु. व अधिक के मकानों की बिक्री 15 से 30% तक बढ़ी है।
कोविड के बाद बिक्री 15 से 30% तक बढ़ी
शहर | बिक्री बढ़ी |
चंडीगढ़ | 30% |
गुरुग्राम | 20% |
जयपुर | 20% |
भोपाल | 15% |
कोविड के बाद लग्जरी रियल एस्टेट की मांग बढ़ी
नारेडको के वाइस चैयरपर्सन डॉ. निरंजन हीरानंदानी कहते हैं, कोविड के बाद बड़े और सुविधायुक्त घरों की जरूरत देखते हुए लग्जरी रियल एस्टेट की मांग बढ़ी है। सस्ते होम लोन और ऑफर्स से सेंटिमेंट बेहतर हुआ है।
8 सालों में 76 लाख करोड़ का होगा सेक्टर
महंगे मकानों की बदौलत भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में 18% सालाना ग्रोथ देखी जा रही है। इस रफ्तार से 2030 तक रियल एस्टेट सेक्टर का मार्केट एक हजार अरब डॉलर यानी लगभग 76.19 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनारॉक के मुताबिक, अगले 3 सालों में इस सेक्टर का देश की जीडीपी में योगदान बढ़कर 13% हो सकता है, जो फिलहाल 6 से 7% के बीच है।
भारत में मकानों की बिक्री में सालाना बढ़त
कब | 50 लाख | 1 करोड़ तक | 1 करोड़ से अधिक |
Q1 2020 | -30% | -25% | -23% |
Q2 2020 | -86% | -81% | -85% |
Q3 2020 | -45% | -45% | -33% |
Q4 2020 | -7% | 21% | 10% |
Q1 2021 | 27% | 70% | 42% |
Q2 2021 | 175% | 155% | 283% |
Q3 2021 | 82 | 107 | 89 |
Q4 2021 | 8 | 8 | 32 |