chhattisgarhgaurav.in/ कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहे बवाल के बीच सरकार ने स्कूलों में ड्रेस कोड नियम लागू रखने का फैसला किया है। शनिवार को मुख्यमंत्री बासवाराज बोम्मई की अध्यक्षता में बैठक के बाद कहा गया कि हाईकोर्ट में सुनवाई तक ड्रेस कोड नहीं हटाया जाएगा। हाईकोर्ट में 8 फरवरी को इस मामले में सुनवाई है।
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इसके बाद कर्नाटक के शिक्षा विभाग ने भी स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म को लेकर आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि स्कूल-कॉलेजों में सामुदायिक सौहार्द और शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी ड्रेस के पहनने पर रोक रहेगी।
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सरकार ने लागू की कर्नाटक एजुकेशन एक्ट की धारा 133(2)
राज्य सरकार ने शनिवार को जारी आदेश में कर्नाटक एजुकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 (2) लागू करने की घोषणा की है। इसके मुताबिक, सभी स्टूडेंट्स के लिए एकसमान तरीके के कपड़े पहनकर आना कम्पलसरी है।
आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी स्कूलों में तय यूनिफार्म का पालन करना होगा। निजी स्कूलों के स्टूडेंट्स को भी अपने मैनेजमेंट की तरफ से तय यूनिफार्म ही पहनकर आनी होगी। यह भी कहा गया कि यदि कहीं पर कॉलेज डेवलपमेंट बोर्ड की तरफ से कोई ड्रेस कोड लागू नहीं है तो स्कूल-कॉलेजों में ऐसे किसी भी कपड़े के पहनकर आने पर प्रतिबंध रहेगा, जो सामुदायिक सौहार्द, समानता और शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकता है।
राज्य सरकार ने ली है कानूनी सलाह
इससे पहले बैठक के बाद कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीवी नागेश ने पत्रकारों को बताया कि ड्रेस का मामला अभी अदालत में है। मुख्यमंत्री ने कानून और शिक्षा विभाग के साथ बातचीत की है। उन्होंने हमें एडवोकेट जनरल की राय लेने के बाद अदालत को सरकार के रुख से अवगत कराने की सलाह दी है। कानून विभाग ने बैठक में अवगत कराया कि कानून और नियम क्या कहते हैं।
सियासी बयानबाजी भी तेज
स्कूली छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर हो रहे विवाद पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि हिजाब को छात्रों की शिक्षा में आड़े आने देकर हम भारत की बेटियों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। मां सरस्वती सभी को ज्ञान देती हैं। वह भेदभाव नहीं करती हैं। वहीं कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के सिद्धारमैया ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। इससे पहले, उडुपी में कुछ छात्र भगवा गमछा लपेटकर स्कूल पहुंचे थे।