पाकिस्तान में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हुए हैं. प्रमुख सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. इसके साथ ही उन्होंने नेशनल असेंबली में अपना ‘बहुमत खो दिया’ है. आज पाक पीएम के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग (No trust vote) होनी है, जिसके बाद ये तय हो पाएगा कि इमरान खान पाकिस्तान के पीएम बने रहेंगे या नहीं. इस बीच वोटिंग से पहले संसद के आसपास के रेड जोन वाले इलाकों को सील कर दिया गया है. हजारों सैनिकों की तैनाती की गई है. इस्लामाबाद में एहतियातन धारा 144 लागू है.
बता दें कि पाकिस्तान के 73 साल से अधिक लंबे इतिहास में उस पर आधे से ज्यादा समय तक शक्तिशाली सेना की हुकमूत रही है. पाकिस्तान में सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों में अब तक सेना का अच्छा-खासा दखल रहा है. मुल्क में जारी राजनीतिक संकट के बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कथित तौर पर इस हफ्ते प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की है.


