सर्वमंगला नहर में दो जोड़ा पुल, दोनों में ट्रेलर की आवाजाही का जताया विरोध, खदान के सतर्कता चौक पर कोल डिस्पेच रोका
रेलिंगविहीन पुल पर ट्रेलर के आने से पैदल पुल से पार कर रहे ग्रामीण की गिरने की मौके पर पहुंचे एसईसीएल अफसरों को घटना बताई, उचित मुआवजा देने की मांग
कोरबा। सर्वमंगला नहर के दो जोड़ा पुल के दोनों में कुसमुंडा खदान से गंतव्य स्थल को जाने कोल परिवहन में लगी भारी वाहनें आवाजाही कर रही है। यह आरोप लगाते हुए खदान प्रभावित ग्राम जटराज, बरकुटा के ग्रामीणों ने कुसमुंडा माइंस का कोल डिस्पेच रोक दिया। सतर्कता चौक पर खड़े होकर भारी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी। इस खबर पर एसईसीएल के अफसर मौके पर पहुंचकर समझाईश देने लगे।
इस पर नाराज ग्रामीणों ने एसईसीएल के अफसरों को बताया कि सोमवार को बरकुटा निवासी सबीत लाल पटेल (42) सर्वमंगला नहर में बने पुल से होकर घर जाने निकला था। कुसमुंडा खदान से निकली एक तेज रफ्तार ट्रेलर अचानक पुल पर आ गई और इससे अनियंत्रित होकर ग्रामीण नहर में जा गिरा। इस हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया है। शहर के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ है वहां पर दो जोड़ा पुल है, जिसमें से एक पुल पर कुसमुंडा खदान से निकली ट्रेलर गंतव्य स्थल के लिए निकलती थी, दूसरे पुल पर ग्रामीण आवाजाही करते हैं। मगर कुछ दिनों से इस पुल पर भी कुसमुंडा खदान की भारी वाहनें आवाजाही करने लगी है। इसका विरोध भी जताया गया था। लेकिन ट्रेलर चालकों की मनमानी व एसईसीएल प्रबंधन की मौन से यह हादसा हुआ है। जिस पुल से ट्रेलर पार हो रहे हैं उसकी रेलिंग भी टूटी हुई है। उचित मुआवजे की मांग को लेकर एसईसीएल कुसमुंडा के दफ्तर पहुंचे थे, लेकिन दुव्र्यवहार करते हुए अफसरों ने उनकी एक भी नहीं सुनीं। इसीलिए आंदोलन करने विवश हुए। निजी अस्पताल के इलाज का खर्च घायल ग्रामीण का परिवार उठाने में अक्षम है।
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घायल ग्रामीण के परिवार की आर्थिक हालत दयनीय, जमीन गई नौकरी नहीं मिली
आंदोलनकारियों ने बताया कि घायल ग्रामीण के परिवार की आर्थिक हालत अत्यंत दयनीय है। कुसमुंडा खदान में जमीन चली गई है। लेकिन अब तक नौकरी नहीं मिली है। घायल सबित की नजर कमजोर होने से कंपनी में उसके भाई को नौकरी मिलनी थी। लेकिन वह भी करंट की चपेट में आकर दोनों हाथ गवां बैठा। घायल ग्रामीण की पत्नी कंपनी में रोजगार पाने दफ्तर के चक्कर लगा रही है। एसईसीएल कुसमुंडा के तत्कालीन महाप्रबंधक आरपी सिंह ने नौकरी नहीं लगने तक बेरोजगारी भत्ता देने आश्वासन दिया था। उनके तबादले के बाद एसईसीएल प्रबंधन भूल गया।