सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव एलमागुंडा में जवानों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर शनिवार को अनोखी होली मनाई है। यह वही गांव है जहां पहले ग्रामीण, जवानों को देखकर भाग जाते थे। बताया जाता है कि यहां नक्सलियों की इजाजत के बगैर कोई भी काम नहीं किया जाता था। लेकिन, आज हुई इस होली ने इलाके की तस्वीर बदल दी है। जवानों और ग्रामीणों ने साथ मिलकर रंग-गुलाल उड़ाया है। साथ ही ग्रामीणों के बीच खेलकूद का भी आयोजन किया गया।
दरअसल, एलमागुंडा गांव पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में था। लेकिन, हाल ही में यहां सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। कैंप स्थापित होने के बाद जवान ग्रामीणों की हर संभव मदद कर रहे हैं। ग्रामीणों के मन में जवानों के लिए जो भय का वातावरण था वो अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। यही वजह है कि पहली बार जवानों के साथ मिलकर ग्रामीणों ने यहां शनिवार को होली मनाई है। कोबरा 206 बटालियन के जवानों ने सिविक एक्शन कार्यक्रम का भी आयोजन किया। इलाके के युवाओं को खेलकूद की सामग्री, बच्चों के लिए कॉपी-किताबें, महिलाओं को रसोई के बर्तन और कपड़े, चप्पल, सोलर लालटेन समेत कई जरूरत का सामान भी बांटा।
ग्रामीणों के बीच हुए कई तरह के खेल
एलमागुंडा गांव में आयोजित होली मिलन समारोह में ग्रामीणों के बीच कई खेलकूद का भी आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों के बीच जलेबी दौड़ प्रतियोगिता रखी गई तो वहीं महिलाओं के बीच कुर्सी दौड़ समेत अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें इलाके के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही विजेताओं को इनाम भी दिया गया।
मेडिकल कैंप लगाकर किया गया इलाज
कोबरा बटालियन के जवानों ने मेडिकल कैंप भी लगाया। मेडिकल कैंप में एलमागुंडा गांव के रेंगा पारा, पटेल पारा और जू पारा के ग्रामीण पहुंचे थे। गांव के ग्रामीणों का इलाज किया गया। बीपी, शुगर, मलेरिया समेत अन्य बीमारियों की भी जांच की गई। बीमार मरीजों को दवा भी बांटी गई। साथ ही स्वास्थ संबंधी परामर्श भी दिए गए।


