Monday, December 8, 2025

चैटबॉट के जरिए मृत लोगों से भी करें बात:गूगल के पूर्व रिसर्चर्स का इनोवेशन, बढ़ा सकता है हेट स्पीच-अफवाह के मामले

आधुनिक तकनीक ने कई असंभव सी लगने वाली चीजों को संभव बना दिया है। ऐतिहासिक चरित्रों और सालों पहले दुनिया छोड़ चुके लोगों से बात (फिलहाल चैटिंग) करना भी संभव हो गया है।

कैरेक्टर एआई नाम की एक नई वेबसाइट पर आप लगभग किसी भी व्यक्ति (जीवित या मृत), वास्तविक या काल्पनिक कैरेक्टर के साथ चैट कर सकते हैं। चाहे वह क्वीन एलिजाबेथ हों, विलियम शेक्सपियर हों या फिर एलन मस्क ही क्यों न हों। आप जिस किसी का भी आह्वान करना चाहते हैं या मनगढ़ंत बातचीत चाहते हैं, वो उपलब्ध है।

गूगल के पूर्व रिसर्चर्स ने बनाया चैटबॉट
गूगल के दो पूर्व शोधकर्ताओं, डेनियल डी फ्रीटास और नोम शाजीर द्वारा स्थापित कंपनी और साइट नए तरह का चैटबॉट डेवलप करने में सालों से जुटी है। ये चैटबॉट बिल्कुल इंसानों की तरह तो चैट नहीं कर सकते, लेकिन अक्सर ऐसा लगता जरूर है।

बीते नवंबर में ओपन एआई नाम के लैब ने भी चैटजीपीटी नाम का बॉट लॉन्च किया था। इसके साथ चैटिंग करके भी लाखों लोगों को यही महसूस हुआ कि वे सचमुच किसी इंसान के साथ चैटिंग कर रहे हैं। इसी तरह की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) वाली टेक्नोलॉजी पर गूगल, मेटा और अन्य दिग्गज टेक कंपनियां काम कर रही हैं।

चैटबॉट हेट स्पीच-अभद्र भाषा को बढ़ावा दे रहे

चैटबॉट तेजी से मशीन के साथ संवाद करने का शक्तिशाली साधन भी बनते जा रहे हैं।
चैटबॉट तेजी से मशीन के साथ संवाद करने का शक्तिशाली साधन भी बनते जा रहे हैं।

मनगढ़ंत और झूठी बातें करने में उस्ताद ये चैटबॉट चूंकि बातचीत का कौशल इंटरनेट पर लोगों द्वारा पोस्ट किए गए डेटा से सीखते हैं, लिहाजा अक्सर वे गलत और झूठी बातों को भी शामिल कर लेते हैं। इसमें हेट स्पीच, भेदभाव और अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी हो सकता है। गलत हाथों में पड़कर ये भ्रामक जानकारियां और अफवाह फैलाने का साधन भी बन सकते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट और गूगल की पूर्व एआई रिसर्चर मार्गरेट मिशेल कहती हैं, ‘चूंकि इन चैटबॉट को लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं हैं, इसलिए ये इंटरनेट पर पहले से मौजूद पक्षपातपूर्ण और जहरीली जानकारियां फैलाने का माध्यम बन रहे हैं। लेकिन कैरेक्टर.एआई जैसी कंपनियां मानती हैं कि जनता इन चैटबॉट की खामियों को समझेगी और उनकी कही बातों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करेगी।’

चैटबॉट अभी मनोरंजन का साधन, पर बढ़ रही उपयोगिता
फिलहाल चैटबॉट दुनियाभर में महज मनोरंजक बातचीत का साधन बने हुए हैं। हालांकि ये तेजी से मशीन के साथ संवाद करने का शक्तिशाली साधन भी बनते जा रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि आगे चलकर इनकी खामियों और नुकसान की आशंकाओं को दूर कर लिया जाएगा। इसके बाद आम जनता भी इनकी बातों में विश्वसनीयता या फर्जी तथ्यों को पहचानने लगेगी।

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