Monday, December 8, 2025

एक छात्रा के लिए स्कूल ने शुरू किया संस्कृत विषय:दादा ने पढ़ाया तो पोती ने हासिल किए CBSE परीक्षा में 100 में से 100 अंक

CBSE ने 12वीं के रिजल्ट जारी कर दिए। रायपुर की शांभवी शर्मा ने इसे परीक्षा में 98.16% मार्क्स हासिल किए हैं। शांभवी ने अपनी तैयारी से जुड़े एक्सपीरियंस शेयर किए। इन दिनों जब यूथ संस्कृत जैसे सब्जेक्ट को बोरिंग मानता है शांभवी की दिलचस्पी इसी विषय में है। शांभवी और संस्कृत लैंग्वेज के बीच गजब का जुड़ाव है।

शांभवी के पिता अमिताभ शर्मा पेशे से एस्ट्रोलॉजर हैं। उन्होंने बताया कि KPS की स्टूडेंट शांभवी के कहने पर स्कूल को संस्कृत का कोर्स शुरू करना पड़ा। स्टूडेंट का लगाव देखकर स्कूल मैनेजमेंट ने भी हौसला बढ़ाया, टीचर्स प्रोवाइड कराए, शुरू-शुरू में अकेली ही शांभवी संस्कृत पढ़ती रही, बाद में और भी स्टूडेंट्स जुड़े। इससे पहले स्कूल में संस्कृत का कोर्स नहीं था। शांभवी ने 12वीं में संस्कृत को एडिशनल सब्जेक्ट के रूप में लिया था।

शांभवी को हमेशा से ही संस्कृत सब्जेक्ट में काफी लगाव रहा है। घर पर माहौल भी उसे कुछ ऐसा ही मिला। शांभवी के दादा लक्ष्मीकांत शर्मा लंबे वक्त तक रायपुर के दुर्गा कॉलेज में संस्कृत के प्रोफेसर रहे हैं, वह बचपन से ही शांभवी को संस्कृत के श्लोक सुनाया करते थे।

संस्कृत में 100 में100 नंबर मिले

शांभवी ने बताया कि स्कूल में संस्कृत की पढ़ाई शुरू होने के बाद दादा ने उन्हें गाइडेंस दिया। एग्जाम की तैयारी भी इन्हें दादा लक्ष्मीकांत शर्मा ने करवाई। इसका असर रहा कि शांभवी को संस्कृत में 100 में से 100 नंबर मिले। अपने आने वाले कैरियर में भी शांभवी लिंग्विस्टिक साइंस पर काम करना चाहती हैं, जिसमें संस्कृत और फ्रेंच दोनों भाषाएं शामिल हैं।

शांभवी ने बताया कि मेरी एक ही स्ट्रेटजी थी कि कोई स्ट्रेटजी न हो। किसी भी तरह की स्पेशल प्लानिंग के साथ शांभवी ने तैयारी नहीं की। उन्होंने कहा कि मुझे पता था अगर मेरी तैयारी अच्छी होगी तो रिजल्ट भी अच्छे होंगे । इसी वजह से मैंने कभी भी रिजल्ट की चिंता या मार्क्स लाने हैं इस बात को सोचे बिना तैयारी जारी रखी। मुझे यकीन था कि हार्ड वर्क करूंगी तो अच्छे मार्क्स आएंगे। कोविड-19 के समय भी टीचर्स ने तैयारी में अच्छी मदद की।

म्यूजिक ने किया मोटिवेट
शांभवी को म्यूजिक में भी 100 में से 100 नंबर मिले हैं। शांभवी ने कहा कि वह स्कूल की एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भी हमेशा एक्टिव रही हैं, यह क्रिएटिव गतिविधियां उन्हें पढ़ाई के लिए मोटिवेट करती थीं। शांभवी ने कहा कि उनके बहुत से दोस्त ऐसा सोचते हैं कि इन गतिविधियों में एक्टिव रहने से पढ़ाई प्रभावित होगी, बल्कि मुझे यह क्रिएटिव गतिविधियां पढ़ाई में और बेहतर करने के लिए हमेशा ऊर्जा प्रदान करती रही हैं।

बेटियों ने मारी है बाजी

CBSE के रिजल्ट में इस बार लड़कियों ने बाजी मारी है। छत्तीसगढ़ में भी बेटियों ने कमाल किया है। बिलासपुर की शुभी शर्मा ने 99.4 प्रतिशत, रायपुर की शांभवी शर्मा ने 98 प्रतिशत और पाखी दुबे ने 98.6% अंक हासिल किए हैं। इस बार 12वीं में कुल 92.71 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। छत्तीसगढ़ में भी कई बच्चों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

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